Edited By Kuldeep, Updated: 07 Sep, 2025 05:37 PM

लोक निर्माण मंत्री ने ऐलान किया है कि सड़क निर्माण में नियमों की उल्लंघना पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने माना कि हिमाचल में बहुत सी सड़कें एफसीए की मंजूरी के बिना बनी हैं, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिमला (भूपिन्द्र): लोक निर्माण मंत्री ने ऐलान किया है कि सड़क निर्माण में नियमों की उल्लंघना पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने माना कि हिमाचल में बहुत सी सड़कें एफसीए की मंजूरी के बिना बनी हैं, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए यह देखा जाएगा कि जहां पर वायलेशन पाई जाती है, वहां पर विभागीय जांच की जाएगी तथा संबंधित अधिकारी को चार्जशीट किया जाएगा। अब समय आ गया है कि हमें पहली प्राथमिकता पर्यावरण व जंगलात को देनी होगी। यह बात उन्होंने रविवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि ढली-रामपुर फोरलेन की डीपीआर में विभाग को सुरंग निर्माण को प्राथमिकता देने को कहा है, ताकि नुक्सान कम हो।
इसके अलावा नई सड़क तब तक नहीं बनेगी, जब तक एफसीए व एफआरए क्लीयर न हो। उन्होंने कहा कि यह भी देखने में आया है कि एनएच, फोरलेन व संपर्क सड़कों के निर्माण के समय मलबे को नदी व नालों में डंप किया जाता है, जबकि वहां के लिए डंपिंग साइट चिन्हित की जाती है। लेकिन ठेकेदार खर्चा बचाने के लिए निजी भूमि पर मलबा डंप कर देते हैं। अब अवैध डंपिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर ईएनसी तथा सचिव को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा यह भी देखने को मिला है कि अधिकांश स्थानों पर कल्वर्ट बंद किए गए हैं। इससे भी बहुत नुक्सान होता है। इसे देखते हुए बंद किए कल्वर्ट खोले जाएंगे तथा जानबूझ कर बंद करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
हर 10 किलोमीटर पर एसडीओ व जेई तैनात
उन्होंने कहा कि राज्य में अभी भी 1250 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भरमौर एन.एच. को खोलने के लिए हर 10 किलोमीटर के दायरे में एसडीओ व जेई की तैनाती की गई है, ताकि इसे जल्द खोला जा सके।
धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के जाने की हो लिमिट तय
विक्रमादित्य सिंह ने श्रीखंड महादेव, मणिमहेश, चूड़धार, बिजली महादेव व अन्य धार्मिक स्थलों पर आवश्यकता से अधिक श्रद्धालुओं के जाने व विकास के नाम पर की जा रही अनावश्यक छेड़छाड़ पर चिंता जताई तथा कहा कि सरकार को इन क्षेत्रों की भार वहन करने की क्षमता देखनी होगी, क्योंकि अधिक लोगों के जाने से इन इलाकों में प्रदूषण हो रहा है तथा देव स्थली अपवित्र हो रही है। वहां से कई हजार मीट्रिक टन कूड़ा निकल रहा है। इस पर हम सबको चिंता करनी चाहिए। ऐसे में इसे लेकर वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री तथा संबंधित कैबिनेट मंत्री से चर्चा करेंगे। साथ ही पर्यावरणविद् तथा विशेषज्ञों की सलाह ली लाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। सरकार को लोगों की भावना को समझना चाहिए।
पर्यावरण की कीमत पर न हो विकास
उन्होंने कहा कि राज्य में विकास होना चाहिए, लेकिन यह पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए। ऐसे में हमें निर्णय लेना है कि हमें विकास करवाना है या विनाश। उन्होंने कहा कि जनहित में हम दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कड़वे निर्णय लेंगे।
सीआरआईएफ में टैंडर के लिए लिमिट तय
लोक निर्माण विभाग में समय पर कार्य हों, इसके लिए सीआरआईएफ के तहत होने वाले कार्यों के लिए एक लिमिट तय की गई है। इसके तहत सीआरआईएफ व पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के लिए टैंडर के लिए अब 15-15 किलोमीटर सड़कों या 15 करोड़ तक की लिमिट तय करेंगे तथा छोटे कार्य करवाए जाएंगे। ताकि समय पर कार्य पूरे हों, जबकि पहले सीआरआईएफ के तहत पूरे पैकेज का यानि यदि 40 किलोमीटर हो या 50 किलोमीटर हो या 50 करोड़ का बजट आया है तो पूरे के लिए टैंडर एक साथ लगते थे। इससे एक ठेकेदार के कार्य लेने से कार्य में देरी होती है।
यह भी कहा
-नदी-नालों में आ रही लकड़ी की होनी चाहिए जांच। यदि गलत हुआ है तो सरकार व पुलिस को करनी चाहिए कार्रवाई।
-अक्तूबर माह में होगा पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की अध्यक्षता में होगा भव्य कार्यक्रम।
-प्रधानमंत्री को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करनी चाहिए हिमाचल की सहायता।
-पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में किया था हिमाचल का सहयोग।
-केंद्र ने वर्ष 2023 की आपदा के लिए लोक निर्माण विभाग को दिए 1499 करोड़, विभाग ने किया था 8 हजार करोड़ देने का आग्रह।