Edited By Kuldeep, Updated: 12 Sep, 2025 09:15 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पात्र टीजीटी अध्यापकों को 7 अक्तूबर से पहले पदोन्नत करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात कहा कि याचिकाकर्त्ताओं के पदोन्नति आदेश नियत तिथि से जारी किए जाएं।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पात्र टीजीटी अध्यापकों को 7 अक्तूबर से पहले पदोन्नत करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात कहा कि याचिकाकर्त्ताओं के पदोन्नति आदेश नियत तिथि से जारी किए जाएं। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट तौर पर कहा है कि प्रार्थियों को पदोन्नति आदेश जारी न करने के किसी भी बहाने पर विचार नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्त्ताओं का कहना था कि उनसे कनिष्ठ 600 लोगों को स्कूल प्रवक्ताओं के पद पर पदोन्नत किया जा रहा है, लेकिन न्यायालय को दिए गए आश्वासन के बावजूद उन्हें पदोन्नति नहीं दी गई है। प्रार्थियों का कहना था कि उनके द्वारा दायर रिट याचिका का 10 सितम्बर, 2024 को इस टिप्पणी के साथ निपटारा किया गया था कि टीजीटी से पीजीटी की वरिष्ठता सूची में आवश्यक संशोधन किए जाएं और उसके बाद कानून के अनुसार संशोधित वरिष्ठता सूची तैयार की जाए।
आवश्यक कार्य यथाशीघ्र और अधिमानतः 8 सप्ताह की अवधि के भीतर करने को कहा गया था। उसके बाद शिक्षा विभाग ने 23 अगस्त, 2025 को जारी कार्यालय आदेश के तहत उन्हें अनुबंध काल की नियुक्ति से ही नियमित तो मान लिया गया परंतु इससे उपजे पदोन्नति लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने शिक्षा विभाग के सचिव को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा। अब कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्त्ताओं को अस्थायी वरिष्ठता सूची में शामिल कर लिया गया है। प्रार्थियों ने विभाग द्वारा उन्हें पदोन्नति लाभ न देने की बात कहते हुए कोर्ट को बताया कि अभी भी कोर्ट के आदेशों पर अक्षरशः अमल नहीं हुआ है।
इस पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 7 अक्तूबर तक प्रार्थियों को नियत तिथि से पदोन्नति आदेश जारी किए। मामले के अनुसार याचिकाकर्त्ता उस समय अनुबंध आधार पर नियुक्त किए गए थे, जब भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में अनुबंध आधार पर नियुक्ति देने का कोई प्रावधान नहीं था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्त्ताओं को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति/कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही सभी परिणामी लाभों के साथ-साथ नियमित नियुक्ति का लाभ प्रदान करने के आदेश दिए थे।