Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jul, 2025 05:34 PM

बिजली बोर्ड के 2 कर्मचारी नेताओं पर की गई चार्जशीट को लेकर प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लाइज, इंजीनियर व पैंशनर्ज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी भड़क की गई है।
शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड के 2 कर्मचारी नेताओं पर की गई चार्जशीट को लेकर प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लाइज, इंजीनियर व पैंशनर्ज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी भड़क की गई है। कमेटी की जिला हमीरपुर इकाई ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक ई. लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा के खिलाफ प्रैस कॉन्फ्रैंस करने पर मेजर पैनल्टी के लिए चार्जशीट फ्रेम करने के खिलाफ कड़ा विरोध किया और इसे प्रबंधन वर्ग द्वारा प्रताड़ना की भावना से ट्रेड यूनियन के अधिकारों पर बड़ा हमला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले प्रबंधन वर्ग बोर्ड के कार्यालयों के बाहर कर्मचारी संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा चुका है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।
कमेटी के जिला संयोजक कामेश्वर दत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बोर्ड में चल रहे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया जाए और ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेतृत्व के खिलाफ दी गई चार्जशीट को तुरंत वापस लेकर उनके कार्यालयों की पहले वाली स्थिति बहाल की जाए। उन्होंने मांग की है कि बोर्ड के कार्यस्थलों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर लगाई गई रोक को तुरंत वापस लिया जाए।
रविवार के दिन स्टेशन लीव न लेने का प्रबंधन ने दिया नोटिस
कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि कमेटी की हमीरपुर में हुई कॉन्फ्रैंस को लेकर प्रबंधन द्वारा आनन-फानन में उपरोक्त पदाधिकारियों पर प्रैस कॉन्फ्रैंस करने और 20 जुलाई को रविवार के दिन स्टेशन लीव न लेने पर कारण बताओ नोटिस दे दिया गया, जिसमें 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया। पदाधिकारियों द्वारा जैसे ही इसका जवाब दिया गया, उसके तुरंत बाद कुछ घंटों में ही ट्रांसफर कर इन पदाधिकारियों की सेवाएं अध्यक्ष व निदेशक वित्त बिजली बोर्ड के साथ अटैच की जाती हैं और अगले दिन मेजर पैनल्टी के लिए चार्जशीट तैयार की जाती है। यह सारी प्रक्रिया निदेशक वित्त व अध्यक्ष बिजली बोर्ड के चैंबर में आनन-फानन में होती है और संबंधित कर्मचारियों को बुला-बुला कर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं।
वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो होगा आंदोलन
ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा जिला पंचायत के माध्यम से उठाई गई मांगों पर बैठक कर शीघ्र हल करने की भी मांग की गई। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने प्रबंधन वर्ग को 2 हफ्ते का नोटिस दिया है और फैसला लिया है कि यदि प्रबंधन वर्ग इस बीच इन कार्यालय आदेशों को वापस नहीं लेता है और ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा दी गई मांगों पर वार्ता के लिए नहीं बुलाता है तो 7 अगस्त को इन आदेशों के खिलाफ शिमला में हजारों कर्मचारी, अभियंता, पैंशनर्ज और आऊटसोर्स कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे और उसके बाद एक बड़े राज्यव्यापी एक्शन की ओर बढ़ने का भी फैसला लिया गया है।