Edited By Kuldeep, Updated: 01 Feb, 2025 05:23 PM
बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वेच्छा से बिजली सबसिडी छोडने की मुहिम रंग ला रही है। प्रदेश में मौजूदा समय तक 9986 उपभोक्ताओं ने बिजली सबसिडी छोड़ दी है।
शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वेच्छा से बिजली सबसिडी छोडने की मुहिम रंग ला रही है। प्रदेश में मौजूदा समय तक 9986 उपभोक्ताओं ने बिजली सबसिडी छोड़ दी है। इस माह यानी आगामी एक सप्ताह में आने वाले इन बिजली उपभोक्ताओं को बिना सबसिडी के बिल जारी होगा यानी उपभोक्ताओं ने जितनी यूनिट जनवरी माह में खर्च की है उसमें यूनिट स्लैब क तहत मिलने वाली सरकारी सबसिडी नहीं मिलेगी।
वहीं इन उपभोक्ताओं को 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा भी नहीं मिलेगी। प्रदेश में मौजूदा समय में 9971 बिजली उपभोक्ता सबसिडी छोड़ चुुके हैं। इनमें जहां 4829 उपभोक्ता सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। वहीं 4161 पैंशनर्ज और 985 आम उपभोक्ता है। जिन्होंने सक्षम होते हुए बिजली सबसिडी छोड़ी है। बिजली बोर्ड लगातार बिजली सबसिडी छोड़ने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक कर रहा है। वहीं प्रदेश मेें स्वेच्छा से भी उपभोक्ता बिजली सबसिडी छोड़ रहे हैं।
प्रदेश के क्लास-1 व क्लास-2 अधिकारियों को इस माह राहत
प्रदेश सरकार के ग्रुप-ए और ग्रुप-बी कर्मचारी, पैंशनभोगी पूर्व में क्लास-1 और क्लास-2 कर्मचारी को बिजली पर सबसिडी नहीं मिलेगी। इसी तरह से प्रदेश में कार्यरत केंद्रीय सरकार, बोर्ड, निगम, राज्य, केंद्र सरकार के उपक्रमों के विश्वविद्यालय, राज्य केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के समूह-ए और समूह-बी के कर्मचारी, पैंशनभोगी को भी सबसिडी नहीं मिलेगी। लेकिन यह नियम अभी लागू नहीं किया है। प्रदेश में उन्हीं कर्मचारियों की सबसिडी बंद होगी जिन्होंने स्वेच्छा से बिजली सबसिडी छोड़ी है। ऐसे में प्रदेश में कार्यरत क्लास-1 व क्लास-2 और केंद्रीय कर्मचारियों को इस माह भी राहत मिली है।
15 फरवरी तक ई-केवाईसी जरूरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 15 फरवरी तक बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी का अल्टीमेटम दिया है, ऐसे में 15 फरवरी तक ई-केवाईसी न करने वाले उपभोक्ताओं को एक मीटर पर मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली से भी हाथ धोना पड़ेगा।