Edited By Vijay, Updated: 03 Mar, 2021 05:20 PM
पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज भाजपा नेता शांता कुमार ने राज्यपाल से दुव्र्यवहार को भारत के संविधान का अपमान करार दिया है वहीं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह से इस प्रकरण को लेकर दूरभाष पर बात की है।
पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज भाजपा नेता शांता कुमार ने राज्यपाल से दुर्व्यवहार को भारत के संविधान का अपमान करार दिया है वहीं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह से इस प्रकरण को लेकर दूरभाष पर बात की है। शांता कुमार ने वीरभद्र सिंह से आग्रह किया है कि वह कांग्रेस विधायकों को इसके लिए क्षमा याचना के लिए कहें। बकौल शांता कुमार कांग्रेस विधायक क्षमा याचना करेंगे तो उनका कद छोटा न होकर बड़ा होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल विधानसभा के प्रवेशद्वार पर राज्यपाल के साथ हुए दुर्व्यवहार से और उसके बाद होने वाली सभी घटनाओं से बहुत अधिक आहत हुए है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पहली बार घटी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल किसी पार्टी का नही होता। प्रदेश में संवैधानिक प्रमुख के रूप में वह भारत के संविधान का प्रतीक होता है। राज्यपाल से दुर्व्यवहार भारत के संविधान का अपमान है। यह बहुत बड़ा अपराध है।
उन्होंने कहा कि आज से 50 साल पहले वह पहली बार हिमाचल विधानसभा के सदस्य बने थे तब डाॅ. परमार मुख्यमंत्री थे। हिमाचल विधानसभा अपने अच्छे व्यवहार के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध थी। इस बार इस घटना ने हिमाचल प्रदेश को पूरे देश में बदनाम किया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से भारत के संविधान का अपमान है। इतना बड़ा अपराध करने पर उस पर जिद से खड़े रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में इस पर विरोध प्रदर्शन व पुतले जलाए जाने की घटना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। एक अपराध को ठीक ठहराने के लिए और भी अधिक अपराध हो रहे हैं। उन्होंने वीरभद्र सिंह से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में पहल करें और हिमाचल को इस बदनामी से बचाएं।