Hamirpur: आपदा प्रभावितों के लिए आधुनिक शेल्टर बनाने के गुर सीखेंगे अधिकारी

Edited By Jyoti M, Updated: 28 Jan, 2025 03:19 PM

officials will learn the tricks of making modern shelters

किसी भी तरह के आपदा के कारण बेघर होने वाले लोगों के लिए बेहतर अस्थायी आश्रय यानि शैल्टर इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रो. एसपी...

 

हमीरपुर। किसी भी तरह के आपदा के कारण बेघर होने वाले लोगों के लिए बेहतर अस्थायी आश्रय यानि शैल्टर इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रो. एसपी बंसल के सहयोग से मंगलवार को यहां होटल हमीर में तीन दिवसीय कार्यशाला आरंभ हुई।

इस कार्यशाला में विभिन्न डिग्री कॉलेजों, अन्य शिक्षण संस्थानों, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर भाग ले रहे हैं। इसमें ब्रिटेन के बर्मिंघम के एस्टन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीक से शैल्टर बनाने की तकनीक सिखाएंगे।

कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए सहायक आयुक्त अपराजिता चंदेल ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए अगर हमारी पहले से ही सुनियोजित तैयारी हो तो कोई भी आपदा आने पर नुक्सान को काफी हद तक कम किया जा सकता है और बचाव एवं राहत कार्यों को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सकता है।

कार्यशाला के आयोजन के लिए डीडीएमए और केंद्रीय विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए अपराजिता चंदेल ने कहा कि आपदा के बाद राहत एवं पुनर्वास कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने तथा प्रभावितों की त्वरित मदद करने की दिशा में यह कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने सभी प्रतिभागी अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों से आह्वान किया कि वे कार्यशाला के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में इस आधुनिक तकनीक के बारे में अन्य अधिकारियों को भी प्रशिक्षित करें।

इस अवसर पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के डीन प्रोफेसर दीपक पंत ने कहा कि आज के दौर में पर्यावरण से संबंधित समस्याओं के प्रति जागरुकता बहुत जरूरी है। आम तौर पर ये समस्याएं आम जनमानस की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं होती हैं। अगर हम पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता दिखाएंगे तो उससे आपदाओं को भी कम किया जा सकता है। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में एस्टन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों डॉ कोमल राज आर्यल और डॉ यी-चुंग लियू ने प्रतिभागियों को आपदा के बाद अस्थायी शैल्टर बनाने की आधुनिक तकनीक से अवगत करवाया।

इससे पहले, डीडीएमए के जिला एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के प्रभारी भानु शर्मा ने उदघाटन सत्र की मुख्य अतिथि, सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। डीडीएमए की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण अधिकारी समीक्षा शर्मा और अन्य अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित रहे।

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