Edited By Kuldeep, Updated: 30 Nov, 2024 04:56 PM
जिला कांगड़ा की पौंग झील में ठंड की दस्तक से विदेशी मेहमान परिंदों का आगमन शुरू हो गया है। मेहमान परिंदों की चहचहाट से झील गुलजार हो गई है।
नगरोटा सूरियां (नंदपुरी): जिला कांगड़ा की पौंग झील में ठंड की दस्तक से विदेशी मेहमान परिंदों का आगमन शुरू हो गया है। मेहमान परिंदों की चहचहाट से झील गुलजार हो गई है। सर्दियों में साबेरिया, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया आदि यूरोप देशों में कड़ाके की ठंड से बर्फ से झीलें जम जाती हैं। जिस कारण हजारों मील का लम्बा सफर तय कर यह मेहमान परिंदे भारत की कई झीलों में पहुंचते हैं। इनमें जिला कांगड़ा की महाराणा प्रताप वेटलैंड झील में हर बर्ष एक लाख के करीब पक्षी दस्तक देते हैं।
इस समय पौंग झील में विभिन्न प्रजातियों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी पहुंच गए हैं। हर साल अक्टूबर से मार्च तक झील में विचरने वाले मेहमान सर्दियां देरी से शुरू होने के कारण इस बार नवंबर 15 के बाद आने शुरू हुए हैं। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी वैसे-वैसे इनकी संख्या बढ़ेगी। अगले माह तक यह संख्या लाखों में पहुंच जाएगी। मार्च तक ये मेहमान यहां से लौटेंगे। मेहमान परिंदों की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणी विभाग ने 15 टीमों का गठन किया है। टीमें पक्षियों की सुरक्षा के साथ-साथ इनके शिकार पर भी रोक लगाएंगी। पांच महीने पक्षी लगातार रौनक बढ़ाते हैं। पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। सबसे अधिक यहां बार हैडेड गूज नाम का प्रवासी पक्षी पहुंचता है।
पिछले वर्ष आए थे 100 से अधिक प्रजातियों के पक्षी
पिछले वर्ष सौ से अधिक प्रजातियों के पक्षियों ने यहां पर दस्तक दी थी। इनकी संख्या 85 हजार के करीब थी। वर्ष 2023 में इनकी संख्या एक लाख के करीब थी। अभी तक कितने मेहमान परिंदे झील में पहुंचे हैं इसकी गणना विभाग की ओर से दिसंबर के पहले सप्ताह की जाएगी।
वन्य प्राणी विंग हमीरपुर डीएफओ रेजीनोड रायस्टन का कहना है कि वन्य प्राणी विंग ने प्रवासी पक्षियों की देखरेख के लिए टीमों का गठन कर दिया है। अगर कोई प्रवासी पक्षियों का शिकार करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पौंग किनारे किसी को भी खेती नहीं करने दी जाएगी। कोई ट्रैक्टर चलाता पकड़ा गया तो बख्शा नहीं जाएगा।