Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2024 09:30 PM
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को आईटीआई मंडी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर सांसद कंगना रनौत व राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुईं...
मंडी (रजनीश): प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को आईटीआई मंडी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर सांसद कंगना रनौत व राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुईं, जिन्होंने योजना के तहत लाभान्वित लोगों को प्रमाण पत्र और 4 लाभार्थियों को ऋण के चैक वितरित किए। आईटीआई मंडी के सभागार में लाभार्थियों द्वारा बनाए गए उनके उत्पादों तथा योजना के अंतर्गत आईटीआई में प्राप्त उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सांसद कंगना रनौत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितम्बर, 2023 को 13 हजार करोड़ रुपए के बजट के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य देश के शिल्पकारों को आर्थिक मदद मुहैया कर उनकी स्थिति में व्यापक सुधार करना है।
बोटियों को भी योजना में शामिल करने का सुझाव संसद में देंगे
कंगना ने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि का ही नतीजा है कि आज शिल्पकारों के लिए इस तरह की योजना चलाई गई है, जिसमें वे अपने काम को आसानी से कर सकें। सांसद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बहुत सी कलाएं हैं जिनमें से चम्बा रुमाल व कांगड़ा पेंटिंग इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यहां के बोटी भी अच्छा खाना बनाते हैं और उनको भी इस योजना में शामिल करने का सुझाव संसद तक ले जाया जाएगा।
शिल्पकारों के हुनर को निखारने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रदान किया मंच
राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी ने कहा कि हिमाचल में देश-दुनिया के लोग यहां के लोगों के घरों की शैली को देखने के लिए आते हैं। जिस देश की कला खो जाए तो वह देश अपना अस्तित्व खो देता है। इसके साथ ही प्रदेश और देश की संस्कृति को बचाना है तो छोटे हुनरबाजों को बचाना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने शिल्पकारों के हुनर को निखारने के लिए मंच प्रदान करने का काम किया है।
इंदू बोलीं-प्रशिक्षुओं को बिठाना चाहिए था कार्यक्रम में
राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी ने अपने संबोधन में आयोजकों से कहा कि इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को बिठाना चाहिए था। मंच के सामने बैठे अधिकतर लोगों में अधिकारी और कर्मचारी ही थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के बारे में प्रशिक्षुओं को भी जानकारी प्रदान करना बहुत जरूरी था। स्वागत के दौरान तो छात्राएं अधिक रहीं लेकिन जब उन्हें जानकारी देने की बारी आई तो आयोजन स्थल पर नहीं दिखाई दीं।
विधायक अनिल शर्मा ने संबोधन से किया इंकार
मुख्यातिथियों के संबोधन के बाद सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा को सबसे अंत में संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन विधायक ने संबोधन से इंकार कर दिया। इसके बाद लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण करना शुरू किया गया।
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