Edited By Vijay, Updated: 04 Sep, 2025 08:57 PM

देवभूमि हिमाचल में आपदा से देवी-देवता भी आहत हो चले हैं। यहां के लाखों लोगों को देवी-देवताओं पर अगाध विश्वास और आस्था है, ऐसे में जब भी जनता पर इस तरह की आपदा आती है तो देवी-देवता भी इसे रोकने के लिए अपनी देव नीति के अनुसार अनुष्ठान व अन्य कारज करते...
मंडी (रजनीश) : देवभूमि हिमाचल में आपदा से देवी-देवता भी आहत हो चले हैं। यहां के लाखों लोगों को देवी-देवताओं पर अगाध विश्वास और आस्था है, ऐसे में जब भी जनता पर इस तरह की आपदा आती है तो देवी-देवता भी इसे रोकने के लिए अपनी देव नीति के अनुसार अनुष्ठान व अन्य कारज करते हैं, ताकि इसका निवारण हो सके। मंडी जनपद एवं मंडी रियासत के कुल देवता ऋषि पराशर ने भी कुदरती आपदा से आहत होकर इसके निवारण की प्रक्रिया शुरू की है।
श्री देव ऋषि पराशर के पुजारी तीर्थ राज ठाकुर ने बताया कि देव पराशर के विशेष निमंत्रण पर इलाका स्नोर ज्वालापुर के प्रमुख देवता श्री देव बरनाग को देव रीति-नीति के तहत इस प्राकृतिक आपदा का निवारण करने के लिए बुलावा भेजा है। देव बरनाग 5 सितम्बर यानी 21 भादों को पराशर महाराज की गांव बांहदी स्थित मूल कोठी यानी भंडार में पहुंचेंगे और रात्रि को देवता की जाग का आयोजन होगा। अगले दिन 6 सितम्बर को श्री देव पराशर की मूल कोठी में देव बरनाग की मौजूदगी में देव रीति-नीति के अनुसार अनुष्ठान किया जाएगा।
श्री देव बरनाग हैं पराशर महाराज के संकट मोचक
गौरतलब है कि श्री देव बरनाग पराशर महाराज के संकट मोचक रहे हैं व वर्तमान में भी हैं। इतिहास में इसका वर्णन स्पष्ट तौर पर मिलता है। रियासत काल में जब-जब मंडी रियासत पर कोई संकट आया तो पराशर महाराज के आदेशानुसार देव बरनाग ने उसका निवारण किया। कोरोना काल में भी जब पूरे देश व संसार में संकट आया था तो देव बरनाग ने कहा था कि यदि पराशर ऋषि का आदेश व अनुमति हुई तो वह जिला मंडी जाकर देव रीति-नीति के अनुसार इसका निवारण करेंगे। मगर उस वक्त के हालातों के मद्देनजर व कानूनी दृष्टि से संभव न होने के कारण देव पराशर ने ऐसा कोई आदेश या अनुमति नहीं दी थी।
गौरतलब है कि मंडी रियासत में ऋषि पराशर व सुकेत रियासत में देव कमरूनाग को बड़ादेव का दर्जा प्राप्त है। ऋषि पराशर मंडी राजघराने के कुल देवता होने के साथ-साथ मंडी रियासत की रक्षा व सुरक्षा के दायित्व का पालन भी आज तक करते आए हैं।