Edited By Kuldeep, Updated: 11 May, 2025 04:02 PM

झंडूता उपमंडल की बलघाड़ पंचायत के ऊंचाई पर बसे ठप्पर गांव में पिछले 10 दिनों से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप्प है। इस गंभीर जल संकट ने ग्रामीणों की जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है।
झंडूता (जीवन): झंडूता उपमंडल की बलघाड़ पंचायत के ऊंचाई पर बसे ठप्पर गांव में पिछले 10 दिनों से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप्प है। इस गंभीर जल संकट ने ग्रामीणों की जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है। पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे लोग भारी खर्च पर टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी सुमन प्रजापति ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि पानी की समस्या लंबे समय से चली आ रही है लेकिन अब तो हद हो गई। 10 दिनों से नलों में पानी की एक बूंद भी नहीं आई। इस महंगाई के दौर में हमें पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है।
घर में रोजमर्रा के कामों के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गृहिणी अंजना ने जल शक्ति विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि ठप्पर गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। घर में छोटे बच्चे हैं, जिन्हें इस संकट की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ रही है। नहाने, खाना बनाने और पीने के लिए पानी तक नहीं है। यह स्थिति अब बर्दाश्त से बाहर है। गांव निवासी गोपाल ने अपनी व्यथा सांझा करते हुए कहा कि 10 दिनों से पीने के लिए एक लोटा पानी भी नहीं आया। सड़क से हमारा घर काफी दूर है। टैंकर मंगवाना आसान नहीं और अगर मंगवा भी लें तो पानी को घर तक ले जाना बेहद मुश्किल है।
ऊंचाई पर बसे होने के कारण यह समस्या और जटिल हो जाती है। ठप्पर गांव की भौगोलिक स्थिति इसे और चुनौतीपूर्ण बनाती है। ऊंचाई पर बसा होने के कारण पानी की पाइपलाइन और आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है। ग्रामीणों का कहना है कि जल शक्ति विभाग को इस समस्या की जानकारी कई बार दी जा चुकी है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। गर्मियों में पानी की मांग बढ़ने के साथ यह संकट और गहरा गया है। ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग और स्थानीय प्रशासन से तत्काल इस समस्या का समाधान करने की मांग की है तथा कहा कि गांव में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए और भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।