Himachal: हार्ट अटैक का नया 'साइलेंट किलर! ये छोटा सा vitamin बंद कर रहा आपकी नसों का रास्ता

Edited By Jyoti M, Updated: 02 Dec, 2025 03:05 PM

himachal the new  silent killer  of heart attacks

क्या आप उन लाखों लोगों में शामिल हैं जो अपने दिल की हिफ़ाज़त के लिए महंगे तेल और कसरत पर ध्यान देते हैं, लेकिन एक 'छोटे से जासूस' को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं? यह कोई कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर नहीं है, बल्कि एक ऐसा सूक्ष्म पोषक तत्व है जो आपकी नसों को...

हिमाचल डेस्क। क्या आप उन लाखों लोगों में शामिल हैं जो अपने दिल की हिफ़ाज़त के लिए महंगे तेल और कसरत पर ध्यान देते हैं, लेकिन एक 'छोटे से जासूस' को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं? यह कोई कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर नहीं है, बल्कि एक ऐसा सूक्ष्म पोषक तत्व है जो आपकी नसों को अंदर से खोखला कर रहा है: विटामिन K2।

एक्सपर्ट्स इसे 'साइलेंट किलर' इसलिए कहते हैं क्योंकि इसकी कमी का पता तब चलता है जब आर्टरीज़ (धमनियां) सख्त होकर बंद होने लगती हैं-जो अंततः हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह बनती है।

नसों में क्यों जम जाता है कैल्शियम?

हमारे शरीर में एक अद्भुत 'ट्रैफिक पुलिसमैन' प्रोटीन होता है जिसे Matrix Gla Protein (MGP) कहते हैं। इस MGP का काम है कैल्शियम को खून की नसों से दूर भगाना और उसे सीधे आपकी हड्डियों तक पहुंचाना। लेकिन MGP को सक्रिय (Activate) करने के लिए चाबी की ज़रूरत होती है-और वो चाबी है विटामिन K2।

नतीजा यह होता है कि कैल्शियम अनियमित रूप से आर्टरी की दीवारों पर जमा होने लगता है, जिससे वे पत्थर की तरह कठोर हो जाती हैं। एक कार्डियोलॉजिस्ट चेतावनी देते हैं, "अगर कैल्शियम का प्रवाह भटक जाए, तो हृदय रोग होना महज़ समय की बात है।"

हड्डियां भी मांग रही हैं मदद

यह कहानी सिर्फ दिल तक सीमित नहीं है। ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ बताते हैं कि K2 की कमी से हड्डियों को उनका ज़रूरी कैल्शियम नहीं मिल पाता, जिससे वे कमज़ोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है।

पुराने समय में, हमारे खान-पान में फर्मेंटेड (किण्वित) चीज़ें ज़्यादा होती थीं, जो K2 का खजाना थीं। दुर्भाग्य से, आधुनिक और प्रोसेस्ड खाने की आदत ने इस ज़रूरी स्रोत को हमारी डाइट से लगभग मिटा दिया है, जिससे शरीर एक चुपचाप कमी की ओर धकेल रहा है।

कैसे पता करें और कमी को कैसे करें दूर?

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह कमी धीरे-धीरे पनपती है और गंभीर लक्षण आने से पहले इसका पता लगाना मुश्किल होता है। अब डॉक्टर inactive MGP के स्तर को जांचने को इसकी कमी पकड़ने का सबसे सटीक तरीका मानते हैं।

राहत की बात यह है कि इस कमी को पूरा करना आसान है:

डाइट में बदलाव: अपनी डाइट में नट्टो (सबसे बेहतरीन स्रोत), पुराने और किण्वित चीज़ (Aged Cheeses), अंडे की ज़र्दी और ऑर्गेनिक मीट को शामिल करें।

सप्लीमेंट सहारा: कई विशेषज्ञ अब विटामिन D3 के साथ MK-7 फॉर्म के 100-200 माइक्रोग्राम विटामिन K2 सप्लीमेंट रोज़ाना लेने की सलाह देते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा लिया गया कैल्शियम सही जगह पर पहुँचे और धमनियां सुरक्षित रहें।

सबसे अच्छी बात यह है कि विटामिन K2 को बेहद सुरक्षित माना जाता है और इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स की रिपोर्ट नहीं हैं। अपने दिल को सालों साल धड़कता रखने के लिए, अब समय आ गया है कि इस छोटे लेकिन शक्तिशाली विटामिन को गंभीरता से लिया जाए।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!