Shimla: अमेरिका के टैरिफ फैसले पर बिफरे हिमाचल के मंत्री, PM Modi की विदेश नीति पर उठाए सवाल

Edited By Vijay, Updated: 01 Aug, 2025 01:42 PM

himachal minister furious over us tariff decision

अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं शहरी नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर गंभीर...

शिमला: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं शहरी नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। धर्माणी ने इसे भारत की आर्थिक गरिमा और अंतर्राष्ट्रीय साख के लिए खतरे की घंटी बताया।

भारत के लिए शर्मनाक बनती जा रही ट्रंप-माेदी की दाेस्ती
राजेश धर्माणी ने अमेरिका-भारत संबंधों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब चुनावी मंचों पर कहते थे कि ट्रंप उनके दोस्त हैं, तो लोगों को भरोसा था कि इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिलेगी। लेकिन आज स्थिति यह है कि वही दोस्ती भारत के लिए शर्मनाक बनती जा रही है। अमेरिका बार-बार हमारे साथ अपमानजनक व्यवहार कर रहा है। उन्होंने हाल की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों को अमेरिका से जिस तरह बिना सम्मान और बिना प्रक्रिया के वापस भेजा गया, वह केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी संवेदनहीन था। यह भारत की प्रतिष्ठा पर सीधा प्रहार है।

व्यापार घाटा और गिरती अर्थव्यवस्था पर जताई चिंता
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने को लेकर राजेश धर्माणी ने व्यापारिक मोर्चे पर गंभीर खतरे की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि इस फैसले से भारत का निर्यात प्रभावित होगा, जबकि आयात बढ़ेगा। इससे व्यापार घाटा और अधिक बढ़ेगा, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस काल की स्थापित अंतर्राष्ट्रीय नीतियों और आर्थिक संरचनाओं को संभालने में विफल रही है। पूर्ववर्ती सरकारों ने वर्षों की मेहनत से जो वैश्विक संबंध बनाए थे, उन्हें मौजूदा सरकार ने सतही भाषणों और दिखावटी कूटनीति में खो दिया है।

ऑप्रेशन सिंदूर के समय भारत को नहीं मिला वैश्विक समर्थन 
राजेश धर्माणी ने हाल ही में हुए सैन्य अभियानों का हवाला देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को अब वैसा समर्थन नहीं मिल रहा जैसा पहले मिलता था। ऑप्रेशन सिंदूर के समय जब भारत को वैश्विक समर्थन की सबसे अधिक आवश्यकता थी, तब दुनिया के बड़े देश तटस्थ रहे। पाकिस्तान को समर्थन मिला, लेकिन भारत अलग-थलग पड़ गया। यह हमारी सबसे बड़ी कूटनीतिक विफलता है।

देशहित को राजनीति से ऊपर रखें
मंत्री राजेश धर्माणी ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक फायदे से ऊपर उठकर निर्णय लिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हर कदम पर केवल चुनावी लाभ देखने से देश का दीर्घकालिक नुक्सान होता है। भाजपा को भले ही अल्पकालिक लाभ मिल रहा हो, लेकिन इससे भारत की साख कमजोर हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आत्ममंथन की अपील करते हुए कहा कि आज देश को खोखले नारों और फोटोजेनिक विदेश यात्राओं से नहीं, बल्कि ठोस, स्थिर और सम्मानजनक विदेश नीति की आवश्यकता है।

ऑल पार्टी डैलीगेशन पर भी उठाए सवाल 
राजेश धर्माणी ने ऑल पार्टी डैलीगेशन पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि देशहित के मुद्दों पर सभी दलों की भागीदारी होनी चाहिए, लेकिन जब सरकार खुद संवाद की बजाय प्रचार को प्राथमिकता देती है, तो परिणाम ऐसे ही होते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!