Himachal: अब स्कूलों के 50 मीटर दायरे में नहीं बिकेंगा जंक फूड, प्रशासन ने कसी कमर

Edited By Jyoti M, Updated: 23 Dec, 2025 04:32 PM

himachal junk food will no longer be sold within 50 meters of schools

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में अब स्कूली बच्चों के बस्ते में सिर्फ किताबें ही नहीं, बल्कि उनकी सेहत का ख्याल रखने वाली नीतियां भी शामिल होंगी। जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्कूल परिसरों के आसपास अनहेल्दी फूड (ट्रांस फैट युक्त खाद्य...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में अब स्कूली बच्चों के बस्ते में सिर्फ किताबें ही नहीं, बल्कि उनकी सेहत का ख्याल रखने वाली नीतियां भी शामिल होंगी। जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्कूल परिसरों के आसपास अनहेल्दी फूड (ट्रांस फैट युक्त खाद्य पदार्थों) की बिक्री को पूरी तरह से बैन कर दिया है।

50 मीटर का 'सेहत घेरा'

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जिलास्तरीय सलाहकार समिति के साथ हुई बैठक में कड़े आदेश दिए हैं कि स्कूल के मुख्य द्वार से 50 मीटर के दायरे में बर्गर, पिज्जा, चिप्स और अन्य हानिकारक खाद्य सामग्री नहीं बेची जा सकेगी। प्रशासन का मानना है कि बचपन से ही खान-पान की गलत आदतों को रोककर भविष्य की पीढ़ी को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।

प्रशासनिक सख्ती और निगरानी

इस नई नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन को मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गई है:

सूचना पट्ट: प्रत्येक स्कूल के बाहर बड़े बोर्ड लगाए जाएंगे, जो विक्रेताओं और अभिभावकों को इस प्रतिबंध की जानकारी देंगे।

परिसर के अंदर भी रोक: सिर्फ बाहर ही नहीं, स्कूल के भीतर भी किसी भी प्रकार के ट्रांस फैट वाले भोजन के वितरण पर पाबंदी रहेगी।

जागरूकता अभियान: खाद्य सुरक्षा विभाग विद्यार्थियों और शिक्षकों को 'ईट राइट' (सही खान-पान) मुहिम के तहत जागरूक करेगा।

मिलावटखोरों पर 'डिजिटल' और 'फिजिकल' स्ट्राइक

सिर्फ जंक फूड ही नहीं, बल्कि बाजार में मिलने वाले नकली और मिलावटी सामान पर भी प्रशासन की पैनी नजर है। उपायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि:

पनीर और दूध जैसे दैनिक उपयोग वाले उत्पादों की नियमित सैंपलिंग की जाए।

नशीले पदार्थों और तंबाकू की बिक्री के खिलाफ अभियान को और तेज किया जाए।

शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक स्कूलों को सरकारी स्वास्थ्य मानकों के साथ जोड़ा जाए।

अब तक की कार्रवाई का लेखा-जोखा

बैठक में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल जून से दिसंबर के मध्य तक प्रशासन ने भारी सख्ती दिखाई है:

निरीक्षण: कुल 205 स्थानों पर छापेमारी और जांच की गई।

सैंपलिंग: 137 खाद्य पदार्थों के नमूने लैब भेजे गए।

परिणाम: प्राप्त हुई 91 रिपोर्टों में से 20 सैंपल फेल पाए गए, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थे।

खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर के संचालन में आयोजित इस बैठक में एडीएम डॉ. मदन कुमार और नगर निगम आयुक्त रोहित राठौर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। समिति के सदस्यों ने विद्यार्थियों की सेहत सुधारने और मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए सामूहिक रणनीति पर चर्चा की।
 

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