Himachal: ऊना में बिजली कर्मचारियों की महापंचायत, सरकार के खिलाफ निकाली रोष रैली

Edited By Vijay, Updated: 18 Feb, 2025 06:19 PM

electricity employees took out protest rally against government in una

बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों और पैंशनर्ज की राज्य ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा मंगलवार को जिला मुख्यालय में जिला बिजली महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें ऊना जिला के सैंकड़ों कर्मचारियों, अभियंताओं, पैंशनर्ज व बिजली उपभोक्ताओं ने भाग लिया।

ऊना (विशाल): बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों और पैंशनर्ज की राज्य ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा मंगलवार को जिला मुख्यालय में जिला बिजली महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें ऊना जिला के सैंकड़ों कर्मचारियों, अभियंताओं, पैंशनर्ज व बिजली उपभोक्ताओं ने भाग लिया। शहर के गलुआ चौक के पास इस महापंचायत का आयोजन किया गया। इसके बाद शहर के मेन बाजार से होते हुए एमसी पार्क तक रोष रैली निकाली गई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया, जिसमें कहा गया कि यदि मांगों का समय रहते निवारण नहीं किया तो अगली जिला महापंचायत चम्बा में 3 मार्च को होगी। इस मौके पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के घटक नेताओं में ईं. एमएल वशिष्ठ, चंद्र सिंह मंडयाल, ई. केडी शर्मा, कुलदीप खरवाड़ा, कामेश्वर दत्त शर्मा, अजय पराशर, ई. दीपक चौहान, अश्विनी शर्मा और हीरा लाल वर्मा, शांतिस्वरूप शर्मा, जगमेल ठाकुर, पवन मोहल, मुनीश शर्मा, पंकज शर्मा व शाम लाल सहित सैंकड़ों कर्मी उपस्थित रहे।

कर्मचारी नेता नीतीश की बर्खास्तगी का किया विरोध
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेताओं ने कर्मचारी नेता नीतीश कुमार की बर्खास्तगी का विरोध किया और इसे महज बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा पदों को समाप्त करने और बोर्ड में पुरानी पैंशन के पक्ष में आवाज उठाने पर बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन का यह कृत्य हमारे संविधान में परिकल्पित नागरिकों के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ ट्रेड यूनियन अधिनियम में कर्मचारी वर्ग को दिए गए ट्रेड यूनियन अधिकारों के खिलाफ है।

जेएसी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर की जाए बात
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेताओं ने कहा कि सरकार और प्रबंधन को जिम्मेदारी की भावना के साथ आगे आना चाहिए और बिजली बोर्ड कर्मचारी, अभियंता व पैंशनर्ज की जेएसी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर तुरंत बातचीत करनी चाहिए ताकि उनके बीच व्याप्त गतिरोध को तोड़ा जा सके। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि यदि आक्रोश को देखते हुए प्रबंधन इन मुद्दों पर वार्ता व समाधान नहीं करता है तो जेएसी बड़ी कार्रवाई करने को मजबूर होगी जिसके लिए प्रबंधन को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है।

ये हैं मुख्य मांगें
जेएसी की मुख्य मांगों में पदों की कमी को दूर करने और भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, 706 पदों को सरप्लस पूल में रखने के आदेश वापस लेने व समाप्त 51 पदों को बहाल करने, बोर्ड कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन योजना लागू करने, 81 आऊटसोर्स चालकों की सेवाएं बहाल करने और उनके लिए एक नीति बनाने आदि मुद्दे शामिल हैं। पिछले 2 वर्षों से लंबित पैंशनर्ज की पैंशन बकाया राशि, लीव इन कैशमैंट और ग्रैच्युटी की अदायगी शीघ्र करने, सरकार और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का पालन करना तथा उनके परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जाए सहित हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सब स्टेशन एवं पावर हाऊस के संचालन एवं रखरखाव की आऊटसोर्सिंग बंद करने की मांगें प्रमुख तौर पर शामिल हैं।
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