Edited By Jyoti M, Updated: 23 Jun, 2025 11:47 AM

सुरेश वर्मा के ढाई साल के बेटे रेहान वर्मा ने खेल-खेल में मौत को छू लिया था, लेकिन 70 साल के मोहन लाल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उसे नया जीवन दिया। यह घटना हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की बड़ोग पंचायत के चलावली गांव की है। मोहन लाल की बहादुरी की...
हिमाचल डेस्क। सुरेश वर्मा के ढाई साल के बेटे रेहान वर्मा ने खेल-खेल में मौत को छू लिया था, लेकिन 70 साल के मोहन लाल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उसे नया जीवन दिया। यह घटना हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की बड़ोग पंचायत के चलावली गांव की है। मोहन लाल की बहादुरी की चर्चा हर जगह हो रही है।
जानकारी के अनुसार, रेहान घर के बाहर खेल रहा था, तभी अचानक वह पास के पानी के एक सार्वजनिक टैंक में गिर गया। यह टैंक ग्रामीणों ने सिंचाई और दूसरे कामों के लिए बनाया था। टैंक खुला होने के कारण रेहान सीधे उसमें जा गिरा। रेहान के गिरने की आवाज़ सुनकर उसकी मां उर्मी देवी और दादी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने शोर मचाना शुरू किया तो आसपास की महिलाएं भी इकट्ठा हो गईं। उस समय कोई पुरुष घर पर नहीं था, इसलिए महिलाएं मदद के लिए चिल्लाने लगीं।
उसी दौरान, स्थानीय ग्रामीण मोहन लाल किसी काम से अपने घर से बाहर जा रहे थे। उन्होंने शोर सुना तो तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि एक छोटा बच्चा पानी से आधे भरे टैंक में गिर गया है। बिना एक पल गंवाए मोहन लाल ने टैंक में छलांग लगा दी। करीब 12 फीट गहरे टैंक में कूदकर उन्होंने बच्चे को अपने कंधे पर उठाया और किसी तरह बाहर निकाला।
सूझबूझ से लौटाए बच्चे के प्राण
जब बच्चे को बाहर निकाला गया तो वह बेहोश था। मोहन लाल ने तुरंत बच्चे का पेट दबाया और उसे उलट-पलट करके होश में लाने की कोशिश की। कुछ देर बाद बच्चें को होश आई।
स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत बच्चे को सिविल अस्पताल ठियोग पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई। इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने पंचायत से मांग की है कि टैंक की फेंसिंग करवाई जाए और उस पर छत लगाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। पंचायत प्रधान मीनाक्षी शर्मा ने मोहन लाल की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बेहद हिम्मत का काम किया है।