हैल्थ स्पैशल : हीट स्ट्रोक का मधुमेह के रोगियों को रहता है अधिक खतरा

Edited By Vijay, Updated: 15 Jun, 2025 11:54 PM

diabetic patients are at higher risk of heat stroke

राज्य में पिछले कुछ दिनों से चल रही लू यानी हीट वेव को लेकर वैसे तो कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों द्वारा मधुमेह (शुगर) के रोगियों को हीट वेव से बचने की सख्त हिदायत दी जा रही है।

विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की दी सलाह, धूप से बचना तो ठीक, लेकिन ग्लूकोज को नियंत्रित करना बहुत जरूरी
शिमला (संतोष):
राज्य में पिछले कुछ दिनों से चल रही लू यानी हीट वेव को लेकर वैसे तो कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों द्वारा मधुमेह (शुगर) के रोगियों को हीट वेव से बचने की सख्त हिदायत दी जा रही है। गर्मी की लहरों (हीट वेव) से शुगर के रोगियों को कई परेशानियां हो सकती हैं, जैसे निर्जलीकरण, रक्त शर्करा का स्तर बढ़ना या घटना और हीट स्ट्रोक का खतरा प्रमुख होते हैं। सांस और हार्टबीट तेज रहती है और लोग बेहोश तक हो जाते हैं। मौसम के हालात देखते हुए हैल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को खासतौर पर धूप से बचने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि शुगर पेशैंट पर हीट स्ट्रोक दूसरों के मुकाबले ज्यादा होता है। धूप से बचना तो ठीक है, लेकिन उन्हें ग्लूकोज कंट्रोल भी करना चाहिए।

डायबिटीज व हीट का होता है बहुत खतरनाक कॉम्बीनेशन
विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज और हीट का बहुत खतरनाक कॉम्बीनेशन होता है। डायबिटीज के रोगियों को इन दिनों सामान्य और स्वस्थ लोगों की तुलना में ज्यादा एलर्ट रहना चाहिए। दरअसल गर्मी की वजह से ब्लड ग्लूकोज का स्तर प्रभावित हो सकता है। गर्मी की वजह से शरीर से बहुत ज्यादा पसीना बहता है, जिस कारण बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बॉडी का डिहाइड्रेट होना बहुत ज्यादा रिस्की होता है। शरीर में पानी की कमी होने के कारण ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है। शायद आपको पता हो कि डायबिटीज के मरीजों को स्वस्थ लोगों की तुलना में ज्यादा गर्मी लगती है। वास्तव में डायबिटीज की वजह से ब्लड वेसल्स और नर्व्स इफैक्टिड हो जाती हैं। ऐसे में स्वेट ग्लैंड पर भी बुरा असर पड़ता है। यही कारण है कि डायबिटीज रोगी का शरीर जरूरत अनुसार खुद को ठंडा नहीं कर पाता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा गर्मी और हीट एक्जॉशन का रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा, जब तापमान बढ़ता है, जो शरीर द्वारा इंसुलिन के उपयोग के तरीके बदल जाते हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को समय-समय अपना ब्लड ग्लूकोज टैस्ट करवाते रहना चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों में दूसरों के मुकाबले ही स्ट्रोक का रहता है अधिक खतरा : डाॅ. याचना
आईजीएमसी शिमला की डायटिशियन डा. याचना शर्मा ने कहा कि बीते कुछ दिनों से तापमान में बढ़ौतरी हुई है। ऐसे में दिनभर धूप में रहने वाले लोगों में हीट एग्जॉशन (गर्मी से थकावट) और हीट स्ट्रोक (लू) की आशंका बढ़ जाती है। हीट स्ट्रोक के लक्षणों में बेहोशी, तेज सांस लेना, मानसिक भ्रम और हृदय गति बढ़ जाती है। डायबिटीज के मरीजों को भी खास एहतियात बरतने की जरूरत है। क्योंकि शुगर पेशैंट पर हीट स्ट्रोक दूसरों के मुकाबले ज्यादा होता है। डायबिटीज के मरीज का शुगर लेवल अधिक होने की वजह से बार-बार यूरिन की समस्या बनी रहती है। ऐसे में अगर वह धूप में जाकर काम करेगा, तो पसीना अधिक आने से शरीर में पानी की कमी होगी, जो हीट स्ट्रोक की वजह बन सकती है धूप से बचना तो ठीक है लेकिन उन्हें ग्लूकोज कंट्रोल भी करना चाहिए। इंसुलिन हार्मोन सिर्फ शुगर कंट्रोल करने के लिए ही नहीं, बल्कि ब्रेन के लिए भी बहुत जरूरी है। ऐसे में जब शुगर पेशैंट का ब्रेन इंसुलिन रैजस्टिैंट हो जाता है तो स्मरणशक्ति घटने लगती है। अल्जाइमर की बीमारी हो जाती है और यह टाइप-2 और टाइप-3 पेशैंट को लेकर ज्यादा होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। खान-पान में बरती गई लापरवाही ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है। वर्कआऊट जरूर करें।

बचाव के लिए करें ये उपाय
खूब पिएं पानी: गर्मी के मौसम में डायबिटीज मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए इससे डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर बना रहता है, जिससे दिक्कतें नहीं होती और जबरदस्त फायदे मिलते हैं। दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने पर फोकस करना चाहिए।

फ्रूट्स का खूब करें इस्तेमाल: फ्रूट्स सेहत के लिए बेहद हैल्दी होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे फल होते हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडैक्स काफी ज्यादा होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए नुक्सानदेह हो सकते हैं।

जामुन: डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद कुछ कंपाऊंड्स ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें फाइबर भी काफी मात्रा में होता है, जो शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, फाइबर पाचन के लिए बहुत जरूरी होता है, इसलिए जामुन पाचन को भी दुरुस्त रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडैंट्स गर्मी में होने वाले सन डैमेज से भी बचाते हैं।

सेब: सेब फाइबर और विटामिन्स का बेहतरीन सोर्स है। साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स भी कम होता है। यानी यह ब्लड में ग्लूकोज को धीरे-धीरे रिलीज करता है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इतना ही नहीं, सेब हार्ट हैल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसका जूस पीने की जगह इसे साबुत खाना ज्यादा फायदेमंद है।

कीवी: कीवी विटामिन-सी से भरपूर होता है, इसलिए इसे खाने से शरीर में विटामिन-सी की पूर्ति होती है। इतना ही नहीं, यह इंसुलिन रैजिस्टैंस को भी कम करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्टेबल रहता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और शरीर की सूजन कम करने में भी मदद करता है।

चेरी: चेरी का ग्लाइसेमिक इंडैक्स भी कम होता है, इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इसे खाने से इंसुलिन सैंसिटीविटी भी बढ़ती है। इसे खाने से इंफ्लेमेशन कम होती है, हार्ट हैल्थ बेहतर होती है और यूटीआई से भी बचाव होता है।

नाशपाती: डायबिटीज के मरीजों के लिए नाशपाती भी फायदेमंद है। इसे खाने से ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होता है और ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है। इतना ही नहीं यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद करता है और गर्मियों में शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है।

खास बात : हाई कैलोरी फूड से बचें
डायबिटीज के मरीजों को खाने में ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को कोल्ड्रिंक्स नुक्सान कर सकती हैं, इसलिए इससे परहेज करें। खाने में चीनी का इस्तेमाल कम से कम करें। अगर खाने में ज्यादा जंक फूड या ऑयली फूड को शामिल करेंगे तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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