Edited By Jyoti M, Updated: 01 Sep, 2025 04:11 PM

हिमाचल प्रदेश में इस साल हुई बारिश ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के आंकड़ों के अनुसार, इस अगस्त में राज्य में 431.3 मिमी बारिश हुई, जो साल 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। यह 1901 के बाद से...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में इस साल हुई बारिश ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के आंकड़ों के अनुसार, इस अगस्त में राज्य में 431.3 मिमी बारिश हुई, जो साल 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। यह 1901 के बाद से दर्ज की गई नौवीं सबसे अधिक बारिश भी है। इससे पहले, 1927 में 542.4 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो अब तक की सबसे अधिक है। यह बारिश सामान्य से 68% अधिक थी, क्योंकि सामान्य रूप से अगस्त में 256.8 मिमी बारिश मानी जाती है।
जिलावार बारिश का हाल
अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश जिला कांगड़ा में हुई, जहां 816.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं, लाहौल-स्पीति में सबसे कम 129.7 मिमी बारिश हुई। बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और ऊना जैसे जिलों में भी सामान्य से बहुत ज्यादा बारिश हुई। हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भी सामान्य से अधिक वर्षा हुई, जबकि लाहौल-स्पीति में सामान्य वर्षा हुई।
बारिश से भारी नुकसान
इस मानसून सीजन (20 जून से 31 अगस्त) के दौरान प्रदेश में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। अब तक 320 लोगों की जान जा चुकी है और 379 लोग घायल हुए हैं। 40 लोग अभी भी लापता हैं। सड़क हादसों में 154 लोगों की मौत हुई है।
इस दौरान 4,569 कच्चे-पक्के घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। 3,710 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं और 1,885 पालतू पशुओं की मौत हुई है। कुल मिलाकर, राज्य को 3,05,684.33 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
यह बारिश और इससे हुए नुकसान ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।