Edited By Kuldeep, Updated: 10 Sep, 2025 09:12 PM

राज्य में अभी मौसम थोड़ी राहत प्रदान कर रहा है और गुरुवार को भी मौसम हल्की फुल्की वर्षा के बीच साफ बना रहेगा, लेकिन 12 सितम्बर से 3 दिनों तक मानसून फिर से रफ्तार पकड़ेगा.....
शिमला (संतोष): राज्य में अभी मौसम थोड़ी राहत प्रदान कर रहा है और गुरुवार को भी मौसम हल्की फुल्की वर्षा के बीच साफ बना रहेगा, लेकिन 12 सितम्बर से 3 दिनों तक मानसून फिर से रफ्तार पकड़ेगा और इस दौरान कई जिलों में अलग-अलग स्थानों में गरज के साथ बिजली गिरने की संभावनाओं के साथ भारी बारिश होने की संभावनाएं हैं और मैदानी व निचले तथा मध्य पर्वतीय इलाकों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है, जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश की हलचल रहेगी।
63 सड़कें व 244 ट्रांसफार्मर ठीक करने के बाद भी 582 सड़कें व 571 ट्रांसफार्मर ठप्प
20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में आपदाओं का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक राज्य में 137 भूस्खलन, 97 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। यही कारण है कि राज्य के कई जिलों में भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध, बिजली ट्रांसफार्मर व पेयजल योजनाएं ठप्प हैं। दिनभर में 63 संपर्क मार्गों को ठीक भी किया गया, लेकिन बुधवार शाम तक पूरे प्रदेश में 4 नैशनल हाईवे और 582 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। कुल्लू जिले में एनएच-03, एनएच-305 और 214 सड़कें बंद हैं। मंडी में 150, शिमला में 58, कांगड़ा में 42, चम्बा में 30 और ऊना जिला में एनएच-503ए व 19 सड़कें अवरुद्ध हैं।
किन्नौर में एनएच-05 भी बंद है। बुधवार दिन को 244 बिजली ट्रांसफार्मर दुरुस्त बनाए गए, लेकिन शाम तक 571 बिजली ट्रांसफार्मर ठप्प रहे, जिससे कई इलाकों में ब्लैक आऊट की स्थिति बनी हुई है। कुल्लू जिले में 439 ट्रांसफार्मर, लाहौल-स्पीति में 51 और शिमला में 46 ट्रांसफार्मर बंद हैं। मंडी जिले में अधिकांश ट्रांसफार्मरों को बहाल कर दिया गया है और अब केवल 8 ट्रांसफार्मर बंद है। 59 पेयजल योजनाएं ठीक करने के बावजूद शाम तक 378 पेयजल योजनाएं ठप्प चल रही हैं। पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 176, शिमला में 108 और मंडी में 52 योजनाएं प्रभावित हैं।
380 की मौत, 439 घायल और 40 अभी भी लापता
इस मानसून ने हिमाचल में भारी तबाही मचाई है। अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं, जबकि 439 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में 61, कांगड़ा में 52, कुल्लू में 44, चम्बा में 43, शिमला में 40, किन्नौर में 28, सोलन में 26, ऊना में 24, सिरमौर में 19, बिलासपुर में 18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 दर्ज हुई है। मकानों और दुकानों को हुए नुक्सान का आंकड़ा भी चिंताजनक है।
अब तक 1,265 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं और 5,469 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 478 दुकानें और 5,612 गौशालाएं भी जमींदोज हो चुकी हैं। 1,999 पशुओं और 26,000 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार प्रदेश को अब तक 4,306 करोड़ रुपए का सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है।