Edited By Vijay, Updated: 04 Sep, 2025 04:06 PM

राजधानी शिमला को जलापूर्ति करने वाली गिरी पेयजल परियोजना वीरवार को 5वें दिन भी ठप्प रही। गाद का स्तर बहुत अधिक होने से यहां से जल प्रबंधन कंपनी ने पानी लिफ्ट नहीं किया है।
शिमला (वंदना): राजधानी शिमला को जलापूर्ति करने वाली गिरी पेयजल परियोजना वीरवार को 5वें दिन भी ठप्प रही। गाद का स्तर बहुत अधिक होने से यहां से जल प्रबंधन कंपनी ने पानी लिफ्ट नहीं किया है। इसके चलते शहर में पेयजल संकट जारी है। लोगों को भरी बरसात में पीने को पानी नहीं मिल रहा है। कई क्षेत्रों में चौथे दिन भी जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे स्थिति बिगड़ गई है। गिरी परियोजना पिछले 5 दिनों से बंद पड़ी है, ऐसे में शहर में पानी का बैकलॉग पड़ गया है। कई जगहों पर चौथे और पांचवें दिन लोगों को पानी मिल रहा है। वहीं भूस्खलन के कारण कई जगहों पर पेयजल लाइनों के टूटने से भी कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है।
ब्रॉकहॉस्ट के पास भूस्खलन से टूटी पाइप लाइन
विकासनगर क्षेत्र में लगातार भूस्खलन होने से यहां पर पानी की पाइप लाइन ब्रॉकहॉस्ट के पास टूट गई है। कंपनी के कर्मचारी दिन-रात यहां पर काम कर रहे हैं। बारिश के बीच भी तिरपाल लेकर कर्मचारी काम कर रहे हैं और टूटी हुई लाइनों को जोड़ने में जुटे हुए हैं। वीरवार को दिनभर काम चला है। लाइन के जोड़ने के बाद ही यहां से लोगों को पानी की आपूर्ति मिल सकेगी। भूस्खलन के कारण मैहली, शकराला के समीप भी लाइन टूटी है, जिसका मुरम्मत कार्य भी किया जा रहा है।
वीरवार को 27.73 एमएलडी पानी मिला
वीरवार को जल प्रबंधन कंपनी की ओर से खलीनी, देवनगर, कनलारेग, मैहली के कुछ हिस्सों में, भराड़ी, कुफ्टाधार, जाखू, यूएस, क्लब कलेस्टन, लोअर बाजार इत्यादि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति देने का दावा किया गया है। कंपनी के एजीएम विनोद नेगी ने बताया कि गिरी से लिफ्टिंग अभी बंद है। गुम्मा, चुरट, चैयड़ और कोटी बरांडी योजनाओं से शहर को वीरवार को 27.73 एमएलडी पानी मिला है, जिसे शहर के कई इलाकों में आबंटित कर दिया गया है। गिरी से जैसे ही गाद कम होगी वैसे ही यहां से पानी की लिफ्टिंग को शुरू कर दिया जाएगा। वीरवार को गुम्मा से 15.96, गिरी से 4.03, युरट से 2.99,चैयड़ से 0.49 और कोटी बरांडी से 3.11 एमएलडी पानी मिला है।
बारिश से अब तक कंपनी को हुआ 19 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान
राजधानी शिमला में बारिश से जल प्रबंधन कंपनी को अब तक करीब 19 करोड़ रुपए का नुक्सान हो गया है। बारिश से पेयजल परियोजनाओं में कंपनी को काफी नुक्सान हुआ है। बाढ़ के कारण पंपिंग स्टेशनों, मशीनरी और पेयजल लाइनें जगह-जगह पर टूट गई है। इससे जल प्रबंधन कंपनी को करोड़ों का नुक्सान हुआ है। चाबा पंपिंग स्टेशन में सबसे अधिक नुक्सान हुआ है। यहां पर बारिश से रिटेनिंग वॉल टूट गई है, जबकि मशीनरी भी बारिश से काफी खराब हो गई है। कंपनी ने अब तक 19 करोड़ के नुक्सान का आकलन किया है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिलाधीश को सौंपी गई है।