Edited By Vijay, Updated: 22 Apr, 2022 05:12 PM

हजारों मील की दूरी तय कर असम व नागालैंड से वनवासी कल्याण आश्रम के प्रतिनिधि व श्रद्धालु माता हिडिम्बा के दर्शन करने मनाली पहुंचे। माता हिडिम्बा के दर्शन कर नागालैंड व असम के जनजातीय लोग भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि वे लोग माता हिडिम्बा के वंशज हैं।
मनाली (ब्यूरो): हजारों मील की दूरी तय कर असम व नागालैंड से वनवासी कल्याण आश्रम के प्रतिनिधि व श्रद्धालु माता हिडिम्बा के दर्शन करने मनाली पहुंचे। माता हिडिम्बा के दर्शन कर नागालैंड व असम के जनजातीय लोग भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि वे लोग माता हिडिम्बा के वंशज हैं। नागालैंड के दीमापुर में माता हिडिम्बा का मंदिर है। दोनों राज्यों से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही नागालैंड की विनीता जगडुंग ने कहा कि वह अपने साथी सदस्य नागालैंड के अजयधर व सिडली तथा असम के हरिनमय बथारी, मुक्तेश्वर केंपरे, हिमांशु बटारिया, सुखेन फगवा व अजय फगवा के साथ वनवासी कल्याण आश्रम व हिमगिरि कल्याण आश्रम के सहयोग से हिमाचल भ्रमण पर आए हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता लगा कि माता हिडिम्बा का मंदिर मनाली में है तो वे बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि वे माता हिडिम्बा के वंशज व डिमासा समाज के लोग हैं तथा असम व नागालैंड में रहते हैं।
भीम से विवाह के बाद मनाली आ गईं थीं माता हिडिम्बा
माता हिडिम्बा डिमासा की बेटी हैं लेकिन भीम से विवाह के बाद मनाली आ गईं। हिमाचल प्रदेश भ्रमण के अनुभव सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें माता हिडिम्बा के दर्शन करने का मौका मिला। हिमाचल के जनजातीय लोगों से मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला है और उनके साथ रहकर हिम्मत व हौसला बढ़ा है। इस दौरान हिमगिरि वनवासी कल्याण आश्रम के संरक्षक निहाल चंद, अध्यक्ष लछिया राम, संगठन मंत्री हेम सिंह व लाहौल, कुल्लू के अध्यक्ष परस राम असम व नागालैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ मौजूद रहे।
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