Edited By Kuldeep, Updated: 09 Sep, 2025 06:15 PM

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सीमा सड़क संगठन ने 5 दिन बाद मनाली-लेह मार्ग को बहाल कर दिया है। ब्यास नदी में बाढ़ आने के चलते 26 अगस्त से बंद इस मार्ग के बहाल होने से 200 से अधिक बड़े वाहन चालकों व लाहौल के किसानों को राहत मिली है।
मनाली (सोनू): विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सीमा सड़क संगठन ने 5 दिन बाद मनाली-लेह मार्ग को बहाल कर दिया है। ब्यास नदी में बाढ़ आने के चलते 26 अगस्त से बंद इस मार्ग के बहाल होने से 200 से अधिक बड़े वाहन चालकों व लाहौल के किसानों को राहत मिली है। धुंधी के पास सड़क अभी छोटे वाहनों के लिए बहाल हुई है। लेह से आने वाले बड़े वाहनों को टनल के नार्थ पोर्टल से कोकसर रोहतांग होते हुए ही मनाली आना पड़ेगा। धुंधी सहित नेहरुकुंड, वशिष्ठ व समाहन में सड़क एकतरफा होने से ट्रैफिक जाम भी लगा लेकिन वाहन चालकों को 2 सप्ताह बाद राहत मिल गई।
गौर रहे कि सड़क बंद होने के कारण सेना के वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई थी और लेह से मनाली आ रहे ट्रक चालक जगह-जगह फंस गए थे। बीआरओ ने मार्ग को बहाल कर लिया था लेकिन मनाली के समीप वशिष्ठ व समाहन में सड़क को बहाल करना चुनौती बना हुआ था। गत सोमवार को बीआरओ की दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर राहुल कुमार ने सड़क बहाली कार्य का निरीक्षण किया था तथा कमांडर कर्नल गौरव सहित उनकी टीम का हौंसला बढ़ाया था।
बीआरओ कमांडर कर्नल गौरव का कहना है कि लाहौल के किसानों व लेह-लद्दाख आने जाने वाले वाहन चालकों की दिक्कत को देखते हुए मनाली-लेह मार्ग की बहाली का कार्य युद्धस्तर पर किया गया। फिलहाल क्षतिग्रस्त सड़कों को एकतरफा वाहनों के लिए खोला गया है। जल्द ही अटल टनल मार्ग को भी बड़े वाहनों के लिए बहाल कर दिया जाएगा।