Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2023 07:27 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानवीय सरोकार से जुड़ी एक और नई पहल शुरू की है। अब की बार सरकार ने निराश्रित बालिकाओं के हक में बड़ा फैसला लिया है। निराश्रित बालिकाओं को सरकार घर बनाने के 4 बिस्वा भूमि और पर्याप्त धनराशि प्रदान करेगी। बीते...
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानवीय सरोकार से जुड़ी एक और नई पहल शुरू की है। अब की बार सरकार ने निराश्रित बालिकाओं के हक में बड़ा फैसला लिया है। निराश्रित बालिकाओं को सरकार घर बनाने के 4 बिस्वा भूमि और पर्याप्त धनराशि प्रदान करेगी। बीते बुधवार को प्रदेश सचिवालय में एक 27 वर्षीय निराश्रित युवती ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें अवगत करवाया कि उसके पास रहने के लिए कोई आवास नहीं है, न ही वह अनाथ आश्रम में रह सकती है, क्योंकि अनाथ आश्रम में रहने के लिए आयु 26 वर्ष निर्धारित की गई है।
अनाथ आश्रम में रहने की आयु सीमा बढ़ाकर 27 वर्ष की
सुक्खू ने मानवीय संवेदनाओं को अधिमान देते हुए अनाथ आश्रम में रहने की आयु 26 वर्ष से बढ़ाकर 27 वर्ष करने का निर्णय लिया। अब यह बालिका एक वर्ष तक अनाथालय में रह सकती है। उन्होंने कहा कि इस बालिका को घर बनाने के लिए भूमि और पर्याप्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। एक वर्ष के भीतर उसका अपना आशियाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक निराश्रित बालिका को घर बनाने के लिए 4 बिस्वा भूमि और पर्याप्त धनराशि भी प्रदान करेगी।
2 माह के भीतर सरकार ने बेसहारा व जरूरतमंद लोगों को दिया सहारा
प्रदेश सरकार मानवीय सरोकारों को विशेष अधिमान देते हुए सेवा और सुशासन के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के 2 माह के भीतर ही सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनेक पहल कर बेसहारा व जरूरतमंद लोगों को सहारा प्रदान किया है। नववर्ष में मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय सहायता कोष की स्थापना की। मुख्यमंत्री की पहल से सुख-आश्रय सहायता कोष के माध्यम से अब अनेक लोगों की जिंदगी संवरने लगी है।
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