Edited By Vijay, Updated: 31 Jan, 2020 02:34 PM
विकास खंड मैहला की प्रीणा पंचायत में सैंकड़ों लोग जान हथेली पर रखकर सफर करने के लिए मजबूर हैं। आलम यह है कि पंचायत के एक दर्जन गांवों के स्कूली बच्चों को हर दिन उफनती खड्ड को पार करना पड़ रहा है। अब तक पंचायत के रैणा, अन्नेहर, राव, गाण, डांगू,...
चम्बा (ब्यूरो): विकास खंड मैहला की प्रीणा पंचायत में सैंकड़ों लोग जान हथेली पर रखकर सफर करने के लिए मजबूर हैं। आलम यह है कि पंचायत के एक दर्जन गांवों के स्कूली बच्चों को हर दिन उफनती खड्ड को पार करना पड़ रहा है। अब तक पंचायत के रैणा, अन्नेहर, राव, गाण, डांगू, छतकड़, सकरैणा, डगेड व हंडोर गांव के लिए पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। सैंकड़ों बच्चे हर दिन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लिल्ह व राजकीय महाविद्यालय लिल्ह में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं लेकिन लिल्ह खड्ड पर पुल न होने के कारण उन्हें हर दिन जान जोखिम में डालकर खड्ड को पार करना पड़ता है।
टूटे हुए पेड़ों को रखकर किया जुगाड़
हालांकि ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए टूटे हुए पेड़ों को रखकर जुगाड़ किया है लेकिन इससे कई बार स्कूली बच्चे खड्ड में गिरने से बाल-बाल बचे हैं। इसके बावजूद विभाग व प्रशासन ग्रामीणों की मुश्किल का हल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सरकार ग्रामीण विकास के लिए हर साल करोड़ों का बजट खर्च कर रही है लेकिन लोगों का कहना है कि प्रीणा पंचायत में सरकारी वायदे जमीनी स्तर पर खोखले नजर आ रहे हैं। ग्रामीण कई बार इस बारे में प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं लेकिन हर बार लोगों को केवल आश्वासन ही मिले हैं।
विधायक द्वारा किया जा रहा नजरअंदाज
समाजसेवी अनूप कुमार, शिव कुमार व वनू का कहना है कि यहां के लोगों को हर बार विधायक तथा प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किया जाता है, जिसकी बदौलत आज पंचायत में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। पंचायत के आधा दर्जन गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम हंै। ग्रामीण कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने बताया कि जब खड्ड में बारिश के बाद पानी अधिक हो जाता है तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। खड्ड में पानी ज्यादा होने के कारण वे उसे पार नहीं कर पाते हैं तो उन्हें रिश्तेदारों के घर में रात काटनी पड़ती है।
बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
बारिश के दौरान खड्ड का जलस्तर बढ़ जाता है। इसके चलते अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं। इससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अभिभावकों का कहना है कि बारिश में बच्चों को स्कूल भेजने पर दिनभर बच्चों को लेकर डर लगा रहता है इससे बेहतर है कि बच्चों को घर में ही रखा जाए।
क्या कहती हैं पंचायत प्रधान
प्रीणा पंचायत प्रधान बीना देवी ने बताय कि पुल की लागत राशि अधिक होने के कारण पंचायत पुल का निर्माण कार्य नहीं करवा पा रही है। डीसी से भी बात की गई थी लेकिन उन्होंने मनरेगा के तहत इस कार्य को करवाने की बात कही। अगर मनरेगा के तहत यह पुल का कार्य करवाया जाता है तो इसके लिए काफी समय लग जाएगा।
मनरेगा के तहत जल्द शुरू होगा निर्माण : बीडीओ
बीडीओ मैहला किशन ठाकुर ने बताया कि लिल्ह खड्ड पर बनने वाले पुल के निर्माण के आदेश पंचायत सचिव को दिए गए थे कि इसका कार्य मनरेगा के तहत जल्द शुरू किया जाए। अगर पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है तो अगले प्रस्ताव में सभी पुलों का प्रस्ताव डाला जाएगा। इन सभी पुलों का निर्माण 5 लाख रुपए की लागत से हो जाएगा जो मनरेगा में हो सकता है।