Edited By Kuldeep, Updated: 11 Feb, 2025 05:00 PM
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उपमंडल चुराह में सरकारी सीमैंट निजी निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रहा है। इससे डीलरों के पास सीमैंट की डिमांड नहीं आ रही है।
तीसा (सुभान दीन): उपमंडल चुराह में सरकारी सीमैंट निजी निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रहा है। इससे डीलरों के पास सीमैंट की डिमांड नहीं आ रही है। सरकारी सीमैंट की कालाबाजारी से डीलरों को खूब चूना लग रहा है। कम डिमांड के चलते डीलर का सीमैंट स्टोर में खराब होने की कगार पर है। इस समस्या को लेकर मंगलवार को चुराह क्षेत्र के सीमैंट डीलर एसडीएम अंकुर ठाकुर से मिले।
इस दौरान सीमैंट डीलरों ने एसडीएम चुराह को अपनी समस्या से अवगत करवाया। डीलरों ने बताया कि वर्तमान में चुराह क्षेत्र में धड़ल्ले से सरकारी सीमैंट की कालाबाजारी हो रही है। इससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी सीमैंट व ट्रेड सीमैंट की दर में कम से कम 60 रुपए प्रति बैग का अंतर रहता है। बड़ा मुनाफा कमाने के लिए कई संस्थाएं व ठेकेदार सरकारी सीमैंट निजी निर्माण कार्य में बेच देते हैं जबकि सरकारी कार्यों पर फूटी कौड़ी नहीं लग रही है। डीलरों ने बताया कि सरकारी सीमैंट जिस कार्य के लिए आया होता है सीमैंट उसी के आधार पर उपयोग होना चाहिए।
सीमैंट डीलरों ने बताया कि वैंडरों के माध्यम से सरकारी सीमैंट ठिकाने लगाया जा रहा है। सरकारी सीमेंट स्टोर से लोड होने के बाद कार्यस्थल पर पहुंचना चाहिए, लेकिन यहां सरकारी सीमैंट गाड़ियों के माध्यम से दूसरे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रतिनिधियों व सरकारी ठेकेदारों द्वारा मिलीभगत से यह सीमैंट रास्ते में या अन्य स्थान पर खाली कर दिया जाता है।
सीमैंट डीलरों ने बताया कि चम्बा जिले में कई निजी निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन स्थानों में करीब 40 फीसदी नॉन ट्रेड सीमैंट सप्लाई हो रहा है। सरकारी निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार कम रेट में सप्लाई कर रहे हैं जिससे बाजार पर फर्क पड़ने लगा है।
पुलिस ने सरकारी सीमैंट के दुरुपयोग का हाल ही में भंडाफोड़ किया है। पुलिस द्वारा सनवाल जाने वाला सीमैंट तीसा में पकड़ा था जोकि स्टोर से उलटा 3 किलोमीटर पीछे के रूट पर बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस द्वारा मामला दर्ज करके छानबीन की जा रही है। वहीं सीमैंट के अवैध धंधे में शामिल अन्य लोगों पर भी गाज गिरना सम्भव है।
एसडीएम चुराह अंकुर ठाकुर ने कहा कि सरकारी सीमैंट का इस्तेमाल निजी निर्माण में नहीं होना चाहिए। यदि क्षेत्र में सरकारी सीमैंट की कालाबाजारी हो रही है तो संबंधित सभी विभागों और पुलिस को इस पर त्वरित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए जाएंगे।