Chamba: मौसम साफ होते ही भरमौर से शुरू हुई हवाई उड़ानें, 90 लोग पहुंचाए चम्बा

Edited By Kuldeep, Updated: 03 Sep, 2025 10:13 PM

chamba bharmour air flights

मौसम साफ होते ही भरमौर से चम्बा व अन्य क्षेत्रों के लिए हवाई उड़ानें शुरू हो गई हैं। बुधवार को कुल 16 उड़ानें हुईं। इसमें 90 लोगों को जिला मुख्यालय चम्बा पहुंचाया गया। सभी यात्रियों को नि:शुल्क हवाई सेवाएं उपलब्ध करवाई गईं।

चम्बा (काकू चौहान/रणवीर): मौसम साफ होते ही भरमौर से चम्बा व अन्य क्षेत्रों के लिए हवाई उड़ानें शुरू हो गई हैं। बुधवार को कुल 16 उड़ानें हुईं। इसमें 90 लोगों को जिला मुख्यालय चम्बा पहुंचाया गया। सभी यात्रियों को नि:शुल्क हवाई सेवाएं उपलब्ध करवाई गईं। इसमें केवल बीमार, बुजुर्ग व बच्चों को एयरलिफ्ट किया गया है। अब यह अभियान लगातार जारी रहेगा। प्रशासन द्वारा हवाई सेवाओं के लिए भरमौर हैलीपेड पर लोगों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। चलने-फिरने में असमर्थ, शारीरिक रूप से अवस्थ करीब 400 लोगों की सूची बनाई गई है। इन सभी को हैलीकॉप्टर के माध्यम से चम्बा पहुंचाने की योजना है। भरमौर से चम्बा पहुंचे यात्रियों ने हवाई सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार व प्रशासन का धन्यवाद किया है। महाराष्ट्र से आए मणिमहेश यात्री ने बताया कि सेवा के लिए मणिमहेश आए थे। गौरीकुंड के पास लंगर लगाते हैं, लेकिन मूसलाधार बारिश के कारण फंस गए। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड में कोई अनहोनी नहीं हुई है। सभी यात्री सुरक्षित हैं। सिर्फ दुकानों व टैंट को ही नुक्सान हुआ है।

एयरलिफ्ट किए गए एक यात्री ने बताया कि वह 25 अगस्त से फंसे हुए थे। बारिश रुकने के बाद किसी तरह हड़सर पहुंचे। इसके बाद पैदल खड़ामुख का रुख किया, लेकिन रास्ते बंद होने के बाद वापस भरमौर लौट गए और बुधवार को हैलीकाॅप्टर के माध्यम से चम्बा पहुंचे। उनसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया गया। प्रदेश सरकार ने सुविधा उपलब्ध करवाई है। उन्होंने बताया कि बारिश से धनछो में पुल टूट गया था। इससे संपर्क टूट गया था। नाले का जलस्तर कम होने पर लोगों ने आवाजाही शुरू की। उन्होंने बताया कि मणिमहेश यात्रा के दौरान मौतें तो हर वर्ष होती हैं। इस बार भी कुछ यात्रियों की मौत हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ा कर अफवाह फैलाई जा रही है।

हजारों श्रद्धालु अब भी हैं भरमौर में
अब तक 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है, लेकिन हजारों श्रद्धालु अभी भी भरमौर में हैं जिनका भरमौर प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से ठहरने और खाने-पीने का पूर्ण व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित बनाया गया है। उधर, चम्बा-भरमौर एनएच को खोलने का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन बारिश के कारण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। अब भी मार्ग को खुलने में दो हफ्ते का समय लग सकता है। डीसी मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि भरमौर से एनएचपीसी हैलीपेड करियां (चम्बा) के लिए हैलीकाॅप्टर की उड़ानें शुरू कर दी गई हैं। करीब 90 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है।

चम्बा से एचआरटीसी से पठानकोट भेजे 156 श्रद्धालु
मणिमहेश श्रद्धालुओं को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने के लिए एचआरटीसी व जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। बुधवार को दिनभर नियमित अंतराल के बाद एचआरटीसी की 4 बसों में करीब 156 मणिमहेश श्रद्धालुओं को पठानकोट रवाना किया गया। आरएम एचआरटीसी चम्बा शुगल सिंह ने बताया कि मणिमहेश यात्रा बंद होने के बाद बीते 6 दिनों में यात्रा के दौरान विभिन्न पड़ाव में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित वापस घर भेजा जा रहा है। मणिमहेश श्रद्धालुओं के लिए एचआरटीसी ने जांघी से पठानकोट के लिए नि:शुल्क सीधी बस सेवा शुरू की। यहां 24 घंटे एचआरटीसी की बसों का प्रावधान किया गया है। बुधवार को जांघी घार से पैदल निकलवाकर मैहला पुल से श्रद्धालुओं को रवाना किया।

 

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