Edited By Vijay, Updated: 26 Dec, 2024 09:09 PM
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत लगातार बिगड़ रही है और मंडी जिला इस संकट का सबसे बड़ा शिकार बन गया है।
मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत लगातार बिगड़ रही है और मंडी जिला इस संकट का सबसे बड़ा शिकार बन गया है। मंडी जोनल अस्पताल और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के निरंतर तबादले और नए नियुक्तियों की कमी से इमरजैंसी सेवाएं पूरी तरह ठप्प हो गई हैं। 2 सप्ताह में ही 11 डॉक्टरों के ट्रांसफर के बाद मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। ये आरोप भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने प्रदेश सरकार पर लगाए हैं।
राकेश जम्वाल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी के साथ कांग्रेस सरकार का सौतेला व्यवहार साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे जनता को भारी नुकसान हो रहा है।
राकेश जम्वाल ने कहा कि मंडी जोनल अस्पताल में 48 स्वीकृत पदों में से 16 पद खाली पड़े हैं, जबकि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में इमरजैंसी सेवाओं के लिए केवल एक डॉक्टर बचा है। आयुष्मान भारत, हिमकेयर और सहारा योजना जैसी सरकार की प्रमुख योजनाएं भी प्रशासन की लापरवाही के कारण ठप्प पड़ी हैं।
राकेश जम्वाल ने प्रदेश सरकार से तुरंत कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल नहीं किया तो प्रदेश भर में हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
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