Edited By Kuldeep, Updated: 10 Jun, 2025 04:33 PM

अब न्यायालय में गवाही देने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के डाक्टरों को ड्यूटी से अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
बिलासपुर (बंशीधर): अब न्यायालय में गवाही देने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के डाक्टरों को ड्यूटी से अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट के निर्देशानुसार क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों की ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से गवाही की सुविधा शुरू होने जा रही है। इसके लिए कोर्ट की ओर से अस्पताल प्रशासन को आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवा दिया गया है। डाक्टरों को अब कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के बजाय अस्पताल परिसर में बने विशेष कक्ष से वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी गवाही दर्ज करवाने का अवसर मिलेगा। इसके लिए अस्पताल प्रशासन जल्द ही एक समर्पित कक्ष में उच्च गुणवत्ता वाला कैमरा, स्क्रीन और इंटरनैट सुविधा स्थापित करेगा।
मरीजों को नहीं होगी अब डाक्टरों की अनुपस्थिति से परेशानी
अभी तक न्यायिक मामलों में चिकित्सकों को गवाही देने के लिए अवकाश लेना पड़ता था, जिससे संबंधित विभागों में मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पाती थीं। खासकर दुर्घटनाओं और आपराधिक मामलों में डाक्टरों की गवाही महत्वपूर्ण होती है, जिस कारण उन्हें अदालत जाना पड़ता था। कई बार डाक्टर कोर्ट से जल्दी फ्री हो जाते थे, लेकिन दोबारा अस्पताल नहीं लौटते थे, जिससे ओपीडी में सेवाएं बाधित हो जाती थीं। अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद डाक्टर गवाही देने के तुरंत बाद अपनी ओपीडी में मरीजों का इलाज जारी रख सकेंगे। इससे न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि अस्पताल की सेवाओं की निरंतरता भी बनी रहेगी।
हाईकोर्ट की पहल, पहला अस्पताल बनेगा बिलासपुर
यह व्यवस्था कोई स्थानीय निर्णय नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की पहल है। अदालत ने स्वास्थ्य सेवाओं और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। कोर्ट की ओर से इस उद्देश्य के लिए विशेष बजट भी अस्पताल को जारी कर दिया गया है। प्रशासनिक कार्यालय के बाद यह पहला जिला स्तरीय अस्पताल होगा, जहां वीसी के माध्यम से चिकित्सक गवाही देंगे। बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर जिला की 179 पंचायतों के लाखों लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करता है।
कोटधार जैसे पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों से लेकर हरलोग व घुमारवीं जैसे इलाकों से हजारों मरीज प्रतिदिन यहां इलाज करवाने पहुंचते हैं। ऐसे में डाक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए असुविधा का कारण बनती थी। बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल में शुरू होने जा रही यह सुविधा न केवल न्यायिक प्रक्रिया में आधुनिकता लाएगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। आने वाले समय में यह मॉडल प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी अपनाया जा सकता है।
चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर डा. एके सिंह का कहना है कि कोर्ट से बजट प्राप्त हो चुका है और कैमरा व स्क्रीन जल्द ही स्थापित किए जाएंगे। संबंधित कंपनी को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं और कार्य शीघ्र शुरू होगा। यह निर्णय मरीजों के हित में लिया गया है और इससे अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाएं पहले से बेहतर होंगी।