Edited By Simpy Khanna, Updated: 19 Oct, 2019 01:50 PM
वर्ष 1984 में घाटी बीड़ बिलिंग में हैंग ग्लाइडिंग के वल्र्ड कप से साहसिक खेल की शुरूआत हुई थी। उस समय किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन यह घाटी मानव परिंदों की दुनिया में अपनी ऐसी छाप छोड़ेगी कि पूरी दुनिया इस घाटी की कायल होगी। साहसिक खेल...
पपरोला : वर्ष 1984 में घाटी बीड़ बिलिंग में हैंग ग्लाइडिंग के वल्र्ड कप से साहसिक खेल की शुरूआत हुई थी। उस समय किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन यह घाटी मानव परिंदों की दुनिया में अपनी ऐसी छाप छोड़ेगी कि पूरी दुनिया इस घाटी की कायल होगी। साहसिक खेल पैराग्लाइडिंग के बलबूते अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पटल पर अपनी छाप छोड़ चुकी घाटी बीड़ बिलिंग में काफी अरसे बाद हैंग ग्लाइडिंग देखने को मिली है।
यहां पिछले 4 वर्षों से हैंग ग्लाइडिंग कर रहे प्रदेश के एकमात्र हैंग ग्लाइडर कोटली गांव के निवासी मनु उर्फ मंजीत ठाकुर ने दावा किया कि यदि प्रदेश सरकार इसे कमॢशयल तौर पर प्रमोट करे तो दूसरे नंबर पर आने वाली विश्वविख्यात घाटी बीड़ बिलिंग पहले स्थान पर आ सकती है। लैंडिंग साइट सुधरे तो और आसान होगी राह मनु ने बताया कि हैंग ग्लाइडिंग के लिए समतल मैदान व स्लोप लैंडिंग की जरूरत होती है, लेकिन लैंडिंग साइट के समीप हो रहे भवनों के निर्माण के चलते इस रोमांचक खेल पर रुकावट आ सकती है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद हैंग ग्लाइडिंग की लांचिंग व लैंडिंग दोनों सुरक्षित की जा सकती हैं। वर्ष 2015 में बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के बैनर तले पर्यटन व प्रदेश सरकार के सहयोग से बिलिंग में पैराग्लाइडिंग वल्र्ड कप का सफल आयोजन करवाया गया था, जिसके बाद बिङ्क्षलग घाटी पूरे अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पटल पर छा गई। वल्र्ड कप में कई विदेशी पायलटों ने भाग लिया था। इस कप के सफल आयोजन का पूरा श्रेय पूर्व में शहरी विकास एवं नगर नियोजन मंत्री रहे सुधीर शर्मा को दिया गया था जिसमें बॉलीवुड के कई सितारों ने भाग लिया था।