Edited By Jyoti M, Updated: 03 Sep, 2025 01:17 PM

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। मानसून की इस विनाशकारी लहर में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गई हैं। इसी कड़ी में, शिमला के पास रामपुर बुशहर के नोगली में सतलुज नदी के किनारे स्थित प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर का एक...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। मानसून की इस विनाशकारी लहर में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गई हैं। इसी कड़ी में, शिमला के पास रामपुर बुशहर के नोगली में सतलुज नदी के किनारे स्थित प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर का एक हिस्सा भूस्खलन के कारण ढह गया।
यह घटना भू कटाव के कारण हुई, जिससे मंदिर के पास की जमीन धंस गई। इस विनाशकारी भूस्खलन में मंदिर का रसोईघर और शौचालय पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे मंदिर का एक हिस्सा ढहकर नदी की ओर गिर गया।
विश्वकर्मा मंदिर इस क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस घटना से स्थानीय लोगों में काफी दुख और चिंता का माहौल है। प्रशासन ने फिलहाल घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए, प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और असुरक्षित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। यह घटना हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को दर्शाती है और संवेदनशील इलाकों में संरचनाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है।