Edited By Vijay, Updated: 25 Sep, 2024 10:53 AM
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चूड़ी से बकल के लिए बनाई जा रही सड़क के सर्वे में अनियमितता के चलते क्षेत्र के 7 गांवों के बाशिंदे सड़क सुविधा से वंचित रह रहे हैं।
चम्बा (रणवीर): प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चूड़ी से बकल के लिए बनाई जा रही सड़क के सर्वे में अनियमितता के चलते क्षेत्र के 7 गांवों के बाशिंदे सड़क सुविधा से वंचित रह रहे हैं। लोक निर्माण विभाग उपमंडल राख व भरमौर के तहत बनाई जा रही 8 किलोमीटर की सड़क के लिए करीब 9 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसके तहत 4 किलाेमीटर सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और बाकी का कार्य प्रगति पर है, लेकिन अंतिम 4 किलोमीटर की सड़क का कार्य सही नहीं हो रहा है। यह बात मंगलवार को डी.सी. चम्बा मुकेश रेप्सवाल के माध्यम से लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह को ज्ञापन प्रेषित करते हुए ग्रामीणों ने कही।
सड़क न होने से 1500 से अधिक आबादी परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि जो सड़क का कार्य पूरा हुआ है, उससे गांव मैलाह, पीं, गुहाला व राड़ो को लाभ मिला है, लेकिन इससे आगे बनाई जा रही सड़क से महज 1 या 2 गांवों के लोगों को ही लाभ मिल रहा है, जबकि पंचायत के बकल वार्ड के गांव सनाऊ, घोड़, गुवाड़, कुढन, गंधर, पधर, कैथोड व बकल गांव को कोई लाभ नहीं पहुंच रहा है। अगर उक्त गांवों के लिए सड़क निर्माण के लिए 4 कैंची लगाई जाती हैं तो सड़क का पूरा लाभ मिल पाएगा। उक्त गांवों में 1500 से अधिक आबादी गुजर-बसर करती है, लेकिन यहां सड़क की सुविधा न होना लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
बीमार को सड़क तक पहुंचाने के लिए लेना पड़ता है पालकी का सहारा
लोगों का कहना है कि सड़क न होने के कारण उन्हें गृह निर्माण सहित अन्य सामग्री घर तक पहुंचाने के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है। ग्रामीण गृह निर्माण सहित अन्य सामग्री घर तक पहुंचाने के लिए घोड़ों का सहारा लेते हैं। वहीं गांव में यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे सड़क तक पहुंचाने के लिए पालकी का सहारा लेना पड़ता है। कई बार अस्पताल में मरीजों को उचित समय पर नहीं पहुंचाया गया। इससे मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि उक्त गांवों को भी जल्द सड़क सुविधा से जोड़ा जाए।
मांग के मुताबिक कार्य नहीं हुआ तो खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
ग्रामीणों ने बताया कि लोगों की डिमांड के मुताबिक विभाग सर्वे करे। अगर विभाग को लगता है कि लाेग गलत कह रहे हैं तो फिर वह अपनी मर्जी से सड़क बना सकता है, लेकिन अगर लोगों की मांग के मुताबिक सड़क का कार्य नहीं हो पाया तो आने वाले समय में लोग कोर्ट का रुख करेंगे, जिसके लिए लाेक निर्माण विभाग खुद जिम्मेदार होगा। इसके लिए लोगों द्वारा हस्ताक्षर अभियान भी चलाया हुआ है, जिसमें क्षेत्र के 350 परिवारों के मुखियाें ने हस्ताक्षर किए हैं।
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