Edited By Jyoti M, Updated: 19 Dec, 2024 11:29 AM
जिला कुल्लू के पहाड़ी रास्तों पर सावधानी हटते ही पर्यटक हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस वर्ष आधा दर्जन से अधिक ट्रैकर पहाड़ों से गिरे और काल का ग्रास बने। इतनी ही संख्या में स्थानीय लोग भी पहाड़ी रास्तों से मवेशियों के लिए घास एकत्रित करते या ईंधन के...
कुल्लू, (शम्भू प्रकाश): जिला कुल्लू के पहाड़ी रास्तों पर सावधानी हटते ही पर्यटक हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस वर्ष आधा दर्जन से अधिक ट्रैकर पहाड़ों से गिरे और काल का ग्रास बने। इतनी ही संख्या में स्थानीय लोग भी पहाड़ी रास्तों से मवेशियों के लिए घास एकत्रित करते या ईंधन के लिए लकड़ियां लाते हुए गिरे और काल का ग्रास बने।
कुछ दिन पहले गड़सा वैली और आनी में पहाड़ी से गिरने के कारण 2 महिलाओं की मौत हुई। करीब 2 सप्ताह पूर्व लगघाटी में एक टैक्सी चालक की मंदिर से पहाड़ी रास्ते से लौटते समय पांव फिसलने से खाई में गिरने से मौत हो गई। 3 दिन पहले मलाणा में हरियाणा का पर्यटक साहिल (21) पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी रोहतक पहाड़ी रास्ते से गिरने के बाद नदी में पहुंच गया जहां से शव को निकाला गया।
उधर, मनाली के जोगणी वाटरफाल के पास खाई में गिरे श्रीलंका के पर्यटक का अभी इलाज चल रहा है। जिला कुल्लू की पार्वती वैली व अन्य क्षेत्रों से अभी तक करीब डेढ़ दर्जन विदेशी सैलानी लापता हैं। इनके परिजनों ने हैलीकाप्टरों के माध्यम से भी खोजबीन की लेकिन इनका कोई पता नहीं चल पाया है।
कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन, एस.पी. कुल्लू ने कहा कि सैलानी ट्रैकिंग पर जाना चाहें तो अकेले न जाएं। प्रशिक्षित गाइड को साथ लेकर निकलें और इससे हादसों का खतरा नहीं होगा। रात के समय सैलानी पहाड़ी रास्तों से न जाएं। होटल, होम स्टे, गैस्ट हाऊस संचालक व अन्य पर्यटन कारोवारी इस बारे में सैलानियों को जागरूक करें।