Edited By Vijay, Updated: 16 Sep, 2025 05:59 PM

पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए निलंबित एएसआई को सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
शिमला (संतोष): पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए निलंबित एएसआई को सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने आरोपी का पुलिस रिमांड बढ़ाने और आरोपी एएसआई के अधिवक्ता द्वारा लगाई गई जमानत याचिका को रद्द करते हुए अदालत ने पंकज शर्मा को 26 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अब मामले की अगली सुनवाई 26 सितम्बर को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से होगी। यानि आरोपी पंकज शर्मा आनलाइन ही सुनवाई में भाग लेंगे। सीबीआई ने 14 सितम्बर को पंकज शर्मा को बिलासपुर जिला के घुमारवीं से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर मृतक विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाल ली और बाद में उनका लैपटॉप कब्जे में लेकर उसमें से अहम डाटा डिलीट किया। सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी से पहले उनके घर से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिन्हें महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।
यह इस मामले में सीबीआई की पहली गिरफ्तारी है और इस मामले में पावर कार्पोरेशन और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि संभावना है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इससे पहले जांच का दायरा पॉवर कार्पोरेशन के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित रहा था। इस कड़ी में तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और पूर्व निदेशक देशराज अग्रिम जमानत पर हैं। वहीं, मृतक की पत्नी किरण नेगी और उनके भाई सुरेंद्र नेगी के बयान भी दर्ज किए जा चुके है, जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं।
बता दें कि विमल नेगी की रहस्यमयी मौत का मामला 10 मार्च से शुरू हुआ था, जब वह शिमला से अचानक लापता हो गए थे। 8 दिन बाद 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिला में गोविंद सागर झील के किनारे मिला। इस घटना के बाद परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए और न्यू शिमला में शव रखकर प्रदर्शन भी किया। उनकी पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। हाईकोर्ट के आदेश पर यह केस सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने इस मामले में बीएनएस की धारा 108 और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। इसी बीच प्रदेश सरकार ने निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में चीफ इंजीनियर पद पर भी तैनात कर दिया था।
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