Shimla: चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत केस में CBI ने की पहली गिरफ्तारी

Edited By Kuldeep, Updated: 14 Sep, 2025 07:57 PM

shimla vimal negi case first arrest

बहुचर्चित हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर दिवंगत विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में सीबीआई ने आखिरकार पहली गिरफ्तारी की है।

शिमला (संतोष): बहुचर्चित हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर दिवंगत विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में सीबीआई ने आखिरकार पहली गिरफ्तारी की है। यह गिरफ्तारी काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि 10 मार्च से लापता हुए विमल नेगी मामले की जांच के करीब 6 माह बाद यह गिरफ्तारी हुई है। रविवार दोपहर को सीबीआई की टीम ने निलंबित एसआई पंकज शर्मा को बिलासपुर जिले के घुमारवीं से गिरफ्तार किया है। आरोपी को सीबीआई अदालत में पेश करके रिमांड हासिल करेगी और इस दौरान उससे कड़ी पूछताछ होगी। बता दें कि सीबीआई ने हाल ही में पंकज शर्मा के घर पर छापेमारी कर कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिन्हें अहम सबूत माना जा रहा है।

आरोप है कि पंकज शर्मा ने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली और बाद में बिलासपुर जाकर नेगी का लैपटॉप कब्जे में लेकर उसका डाटा डिलीट किया। यही कारण है कि सीबीआई ने कई दौर की पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी की। गौर रहे कि पंकज शर्मा किसी भी जांच टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन फिर भी घटना के समय सबसे पहले मौके पर मौजूद रहे। पंकज पर साक्ष्य छिपाने और नष्ट करने का आरोप है। सीबीआई ने इससे पहले भी पंकज शर्मा को कई बार बुलाकर पूछताछ की थी और पैन ड्राइव को फॉर्मैट करने के मामले में जवाब भी तलब किया था।

रहस्यमयी मौत की यह रही पूरी कहानी
10 मार्च को विमल नेगी शिमला से अचानक लापता हो गए थे। 8 दिन के बाद यानी 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर की गोबिंदसागर झील के किनारे मिला। इस मौत पर सवाल उठे और परिजनों ने उच्च अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई की जांच का दायरा पावर कार्पोरेशन के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों तक फैला हुआ है। इस मामले में पहले ही पावर कार्र्पोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक देशराज दोनों जमानत पर हैं।

सीबीआई ने विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और उनके भाई सुरेंद्र नेगी के बयान भी दर्ज किए हैं। सीबीआई ने इस मामले में बीएनएस की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है। सीबीआई इस मामले में कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है। हालांकि सीबीआई जांच के दौरान ही राज्य सरकार ने पावर कार्पोरेशन के निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर दिया और उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में उनके पुराने पद चीफ इंजीनियर पर नियुक्त कर दिया।

प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में मची थी खूब हलचल
विमल नेगी मौत मामले की जांच को लेकर प्रशासनिक व पुलिस तंत्र में हलचल मची थी। इस मामले में अनुशासनहीनता और लापरवाही को आधार बनाकर राज्य सरकार की ओर से 3 अधिकारियों को अवकाश पर जाने के लिए कहा था। इन अधिकारियों में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, तत्कालीन प्रदेश पुलिस महानिदेशक डा. अतुल वर्मा और एसएसपी शिमला संजीव गांधी शामिल थे।

पुलिस महकमे में भी तुरंत प्रभाव से बदलाव किए गए थे। विजीलैंस डीजीपी अशोक तिवारी को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। साथ ही सोलन के एसपी गौरव सिंह को शिमला के पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। हालांकि बाद में अवकाश के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा और एसएसपी शिमला संजीव गांधी ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी।

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