Edited By Kuldeep, Updated: 09 Jul, 2025 09:50 PM
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से भेंट कर राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
थुनाग (मंडी): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से भेंट कर राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने बगस्याड़ में आपदा पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया और वहां उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की संपत्तियां आपदा में नष्ट हो गई हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा जहां भी संभव हो सकेगा, भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि वन भूमि के आबंटन के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है और इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से वन भूमि पर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से अनुमति दिलवाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का 68 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है और आपदा में जिन लोगों ने अपनी भूमि गंवाई है, उन्हें विशेष अनुमति के माध्यम से वन भूमि पर पुनर्वासित किया जा सकता है। भाजपा सांसदों को इस विषय में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जान की क्षति की भरपाई किसी मुआवजे से नहीं हो सकती, लेकिन प्रभावितों के घरों, दुकानों, गौशालाओं और मवेशियों को पहुंचे नुक्सान के एवज में सरकार हर संभव राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वह भली-भांति परिचित हैं कि हिमाचल में घर बनाना कितना कठिन होता है, इसलिए राज्य सरकार घरों के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपए की सहायता प्रदान करेगी। थुनाग में आपदा क्षेत्र का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल्द नई दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। वह हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष सहायता पैकेज की मांग करेंगे ताकि आपदा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ उनका पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
प्रभावित बोले-हम लौटना चाहते हैं लेकिन घर तबाह
आपदा प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मंडी जिला प्रशासन ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं लेकिन भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से उनके घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वे अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन काफी लोगों के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं या रहने योग्य नहीं बचे हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके पुनर्वास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बगस्याड़, थुनाग, थुनाडी, लांबाथाच, जरोल, पांडवशिला, कुथाह और जंजैहली क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों की पीड़ा सांझा की व उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसी तबाही नहीं देखी। वे बस जान बचा पाए, बाकी सब कुछ बाढ़ में बह गया।
यह समय राजनीति का नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर सराज क्षेत्र में अवरुद्ध सड़कों को बहाल कर रही है। लोक निर्माण विभाग की लगभग 50 जेसीबी मशीनें और अन्य भारी मशीनरी सड़क मार्गों के बहाली के कार्यों में लगाई गई हैं। जब तक सड़कें फिर से नहीं खुल जातीं, लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना एक चुनौती बनी रहेगी। आपदा का राजनीतिकरण करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस संवदेनशील घड़ी में भी राजनीति चमकाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि लोगों की यथासंभव मदद करने का समय है। इस अवसर पर कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी, जीवन ठाकुर, डीसी अपूर्व देवगन व एसपी साक्षी वर्मा उपस्थित रहे।
जयराम के सम्पर्क में हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सराज क्षेत्र की स्थिति के संबंध में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ वह नियमित संपर्क में हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के 2 हैलीकॉप्टर उपलब्ध करवाए गए हैं जिनका जयराम ठाकुर भी उपयोग कर रहे हैं।
भारी बारिश के बीच देखा तबाही का मंजर
मुख्यमंत्री ने भारी बारिश के बीच बुधवार को सराज पहुंचकर आपदा से हुई तबाही का मंजर देखा। लोगों के मुर्झाए चेहरे, क्षतिग्रस्त मकान और उनकी पीड़ा देखकर मुख्यमंत्री का मन द्रवित हो उठा। उन्होंने बगस्याड़, सरण, थुनाग, पाण्डवशिला, कुथाह व जंजैहली में ग्राऊंड जीरो पर पहुंचकर संपदा को हुए नुक्सान का जायजा लिया। भारी बारिश के बावजूद गांव-गांव पहुंचे मुख्यमंत्री न रुके न थके। उन्होंने लोगों का ढांढस बंधाया। राहत कार्यों में जुटे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सरकारी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों व वालंटियर की हौसला अफजाई की।
उन्हें खुद को सुरक्षित रखते हुए राहत कार्यों में तेजी लाने और हर घर तक बिजली, पानी और सड़क की पहुंच सुनिश्चित करने को कहा। सड़कों, बिजली ढांचे और पानी की योजनाओं को हुए भारी नुक्सान को देखकर उन्होंने अधिकारियों को साथ-साथ ही निर्देश दिए कि पुनर्निर्माण के लिए कमर कस लें। सेब सीजन आने से पहले गांवों तक सड़कों को सुचारू किया जाए। जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित न रहे।