Edited By Vijay, Updated: 09 Aug, 2025 11:04 PM

मंडी जिले के जंजैहली क्षेत्र में आपदा के बाद से टूटी पड़ी पांडव शिला–धार सड़क की मुरम्मत न होने पर रूशाडा गांव के लोगों का धैर्य आखिर टूट गया।
थुनाग (ख्यालीराम): मंडी जिले के जंजैहली क्षेत्र में आपदा के बाद से टूटी पड़ी पांडव शिला–धार सड़क की मुरम्मत न होने पर रूशाडा गांव के लोगों का धैर्य आखिर टूट गया। शनिवार को ग्रामीण, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे, ने सड़क बहाली में देरी और जमीन संबंधी विवाद को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम कर दिया।
इस दौरान जंजैहली–थुनाग मुख्य मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप्प हो गया, जिससे स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी सेब और अन्य कृषि उपज ले जा रहे किसानों को हुई, क्योंकि माल बाजार तक नहीं पहुंच सका और आर्थिक नुक्सान का खतरा बढ़ गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि 30 जून को आई आपदा में पांडव शिला स्थित पुली मलबे से भर गई थी। इसके कारण नाले का पानी रूशाडा गांव जाने वाली सड़क पर बहने लगा और सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। 40 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन और लोक निर्माण विभाग ने स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस कारण उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हाेना पड़ा।
मामले में एक और पेच यह है कि सड़क को पुराने मार्ग से बहाल करने और खड्ड को उसकी मूल धारा में मोड़ने की मांग के बीच कुछ लोग जमीन पर अतिक्रमण या रूट बदलने का विरोध कर रहे हैं। यही जमीनी विवाद सड़क बहाली में सबसे बड़ी रुकावट बन गया है। ग्राम पंचायत धार जरोल के प्रधान नरेश ठाकुर ने बताया कि यह सड़क करीब 20 साल पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी थी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 5 दिन में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
प्रदर्शन के बीच प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मलबे से दबे पुल को आंशिक रूप से साफ कराया और दूसरी दिशा में बह रहे पानी का रुख मोड़ा, ताकि सड़क पर और नुक्सान न हो। एसडीएम थुनाग रमेश कुमार ने लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीन की सटीक स्थिति जानने के लिए राजस्व विभाग द्वारा तुरंत भूमि की निशानदेही शुरू कर दी जाएगी। इससे यह स्पष्ट होगा कि खड्ड और नाले की चौड़ाई कितनी है और विवादित हिस्सा किसके नाम दर्ज है। निशानदेही का काम रविवार से ही शुरू कर दिया जाएगा, ताकि विवाद को समाप्त किया जा सके।
बता दें कि वर्तमान में जंजैहली क्षेत्र आपदा के बाद की चुनौतियों से जूझ रहा है। प्रशासन राहत, बचाव और सड़कों की मुरम्मत का कार्य तेजी से कर रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों की नाराजगी इस बात का संकेत है कि जमीनी विवाद और देरी राहत कार्यों की गति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।