Edited By Kuldeep, Updated: 31 Jan, 2025 08:27 PM
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार को ही बजट लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा है उसका आधा खर्च हिमाचल सरकार को देना पड़ रहा है।
सोलन (अमित): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार को ही बजट लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा है उसका आधा खर्च हिमाचल सरकार को देना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में एक भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा नहीं है तथा इसके निर्माण का पूरा खर्च केन्द्र सरकार को वहन करना चाहिए। इसके साथ ही भानुपल्ली-बैरी और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन को बिछाने का पूरा खर्च भी केन्द्र सरकार को उठाना चाहिए। सोलन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सवालों के जवाब में उन्होंने यह बात कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल व विधायक विनोद सुल्तानपुरी उपस्थित रहे।
सोलन-परवाणू फोरलेन की डिजाइनिंग सही ढंग से नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन-परवाणू फोरलेन की स्थिति सबसे दयनीय है क्याेंकि इसकी डिजाइनिंग सही ढंग से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उनकी चर्चा केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई है और उन्होंने इस फोरलेन की रि-डिजाइनिंग और रि-एलाइनमैंट करने की मांग की है।
हिमाचल छोटा राज्य, 153 आईएएस अधिकारी रखना उचित नहीं
एक अन्य प्रश्न के जवाब में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा प्रदेश है जिसकी आबादी लगभग 70 लाख है इसलिए 153 आईएएस अधिकारी रखना उचित नहीं है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने नए काडर में नए आईएएस और आईपीएस अधिकारी लेने से मना कर दिया है।
आईएफएस अधिकारियों को भी कम करना चाहती है सरकार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 115 आईएफएस अधिकारियों को भी कम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।