Edited By Kuldeep, Updated: 19 Jan, 2025 07:30 PM
लोक निर्माण व शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा कि ठेकेदारों के लिए वे घड़ियाली आंसू न बहाएं।
सोलन (ब्यूरो): लोक निर्माण व शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा कि ठेकेदारों के लिए वे घड़ियाली आंसू न बहाएं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर पहले श्वेत पत्र लेकर आएं और प्रदेश को बताएं कि जब उन्होंने सत्ता छोड़ी थी तो कितनी देनदारी प्रदेश सरकार व लोक निर्माण विभाग के समय में छोड़कर गए थे। विक्रमादित्य सिंह ने यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि आज वे ठेकेदारों के इतने हितैषी बने हुए हैं तो अपने समय में उनकी पेमैंट क्यों नहीं कर दी। हम तो सबकी पेमैंट करने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को दो दिन पहले ही 80 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है और विभाग द्वारा ठेकेदारों को उनकी पेमैंट भी की जा रही है।
जयराम ठाकुर को सुर्खियों में बने रहने की आदत है। उसके लिए इस प्रकार की बयानबाजी वे करते रहते हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री भी रहे हैं। उनके समय में भी वित्तीय स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं रही। उनके समय में भी ठेकेदारों को समय पर पेमैंट नहीं मिलती थी। उन्होंने बताया कि सरकार राज्य को वित्तीय संकट से उभारने में लगी हुई है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ठेकेदारों को चिंता करने की बात नहीं है। छोटे ठेकेदारों की पेमैंट को भुगतान करने के लिए 80 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग में भी ठेकेदारों की लम्बित पेमैंट को किया जाएगा।
शहरी निकायों में 750 करोड़ रुपए अनस्पैंट
प्रदेश की शहरी निकायों में 750 करोड़ रुपए अव्ययित राशि (अनस्पैंट राशि) है। विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश की सभी शहरी निकायों को चेतावनी देते हुए कहा कि यह राशि जब तक खर्च नहीं होगी तब तक अगली किस्त जारी नहीं होगी। उन्होंने नगर निगम सोलन के नवनिर्मित बैठक हाल के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि शहरी निकायों में पिछले कई वर्षों से करोड़ों रुपए खर्च नहीं हुए हैं। यह पैसा बैंकों में जमा है। जिन भी शहरी निकायों के पास अव्ययित राशि है उन सभी को उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने होंगे।
उसके बाद ही अब उन्हें अगली किस्त जारी की जाएगी। यदि किसी कारण से डिपॉजिट राशि खर्च नहीं हो रही है तो उसके लिए नया प्रोजैक्ट तैयार करें। इतनी राशि खर्च न होने से ऐसा लग रहा है कि निकाय काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वह नगर निगम सोलन की भी जल्द रिव्यू बैठक करेंगे। यही नहीं प्रदेश की सभी शहरी निकायों के काम का रिव्यू करेंगे। यह रिव्यू समय-समय पर होगा।