Edited By Vijay, Updated: 06 Apr, 2025 11:41 AM

राजधानी शिमला में गर्मियां शुरू होते ही पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है। लोगों को सप्ताह में तीसरे और चौथे दिन पानी की आपूर्ति मिल रही है।
शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में गर्मियां शुरू होते ही पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है। लोगों को सप्ताह में तीसरे और चौथे दिन पानी की आपूर्ति मिल रही है। शहर में वाटर सप्लाई सिस्टम दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है, जिससे शहर में पानी की कमी हो गई है। कई जगहों पर रिज वाटर टैंक से टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति दी जा रही है। इससे हालात अब बिगड़ना शुरू हो गए हैं, हालांकि जल प्रबंधन कंपनी सप्ताह में 5 से 6 दिन आपूर्ति का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत इससे परे है। वहीं जल प्रबंधन कंपनी जून से शिमला शहर में सतलुज नदी से 50 एमएलडी पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन इस पर संदेह है क्योंकि सतलुज नदी से पानी लिफ्ट करने के लिए अभी तक शकरोड़ी में 22 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया जाना है। इसका काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, ऐसे में बिना ट्रांसफार्मर के जून तक शिमला में कैसे पानी आएगा, यह एक बड़ा सवाल भी है।
वहीं शकरोड़ी से शिमला तक पेयजल लाइनों को बिछाने का काम अंतिम चरण में है। करीब 10 फीसदी तक काम इसका भी शेष रहता है, ऐसे में सतलुज नदी से गर्मियों में शिमला शहर की प्यास बुझ सकेगी, इस पर अभी संदेह है। हालांकि नगर निगम ने कंपनी को जून तक सतलुज नदी से पानी शिमला पहुंचाने के आदेश दिए हैं, लेकिन शिमला में अभी से ही पानी को लेकर हालात बिगड़ना शुरू हो गए हैं। शहर के कच्चीघाटी, बालूगंज, घौड़ाचौकी, कसुम्पटी, परिमहल, विकासनगर, देवनगर, मैहली, चक्कर व टुटू इत्यादि क्षेत्रों में लोगों को आपूर्ति सप्ताह के तीसरे और चौथे दिन मिल रही है।
वहीं मौसम की बेरुखी के चलते पर्याप्त बारिश और बर्फबारी नहीं होने से राजधानी शिमला को जलापूर्ति करने वाली बड़ी पेयजल परियोजनाओं में भी वाटर लेवल कम होने का खतरा भी बढ़ गया है। अप्रैल महीने में तपती धूप ने जल प्रबंधन कंपनी की परेशानियां बढ़ा दी हैं। मौसम के बदलते तेवरों से इस बार बारिश न के बराबर हुई है और न ही बर्फबारी शिमला में हुई है, ऐसे में जलस्रोतों का पानी तपती धूप से सूख सकता है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे और बारिश नहीं हुई तो शिमला में आगामी दिनों में पानी की समस्या हो सकती है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि जून में सतलुज नदी से शिमला तक पानी लाया जाएगा। इस दिशा में काम चल रहा है। 22 केवी का ट्रांसफार्मर जल्द लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
गिरि और गुम्मा परियोजनाओं पर है पूरे शहर का दारोमदार
राजधानी शिमला को पानी पिलाने का जिम्मा गिरि और गुम्मा पेयजल परियोजनाओं पर है। ये दोनों ही बड़ी परियोजनाएं पूरे शहर को जलापूर्ति करती हैं। गिरि से 21 एमएलडी पानी मिलता है, जबकि गुम्मा से 22 से 24 एमएलडी तक पानी मिलता है, लेकिन गर्मियों में इन दोनों से ही लिफ्टिंग कम हो जाती है। इसके अलावा कोटी बरांडी, चुरट, चैयड़ और सियोग जैसी छोटी परियोजनाएं भी हैं, जिनसे शहर को पानी मिलता है।
17 अप्रैल को पानी को लेकर होगा स्पैशल हाऊस
वहीं नगर निगम ने जल प्रबंधन कंपनी से अगले 3 महीनों का वार्ड वाइज वाटर सप्लाई शैड्यूल मांगा है। किस वार्ड में कब पानी आएगा, इसको लेकर कंपनी को पूरी जानकारी नगर निगम को देनी होगी। शहर में पानी को लेकर स्थिति बिगड़ी तो निगम स्वयं इसकी मॉनीटरिंग भी शुरू कर देगा। इसको लेकर 17 अप्रैल को मेयर ने स्पैशल हाऊस बुलाया है।
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