Edited By Kuldeep, Updated: 25 Jul, 2025 09:18 PM

शुक्रवार को राज्य में कई हिस्सों में धूप खिलने के बीच शिमला सहित कुछ इलाकों में वर्षा बेशक हुई है, लेकिन आगामी 6 दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
शिमला (संतोष): शुक्रवार को राज्य में कई हिस्सों में धूप खिलने के बीच शिमला सहित कुछ इलाकों में वर्षा बेशक हुई है, लेकिन आगामी 6 दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट भी जारी किया गया है। शुक्रवार को शिमला में धूप खिलने के साथ 8 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा मंडी में 24, बिलासपुर में 0.5, जुब्बड़हट्टी में 6, कुफरी में 10.5, नारकंडा में 13 और बजौरा में 4.5 मिलीमीटर वर्षा, वहीं भुंतर व कल्पा में बूंदाबांदी हुई।
मौसम विभाग के अनुसार इस माह 25 दिनों में सामान्य से 3 फीसदी कम मेघ बरसे हैं। इस अवधि में सामान्य वर्षा 201.3 मिलीमीटर होती है, जबकि इसकी एवज में अभी तक 194.6 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है। सबसे अधिक वर्षा शिमला जिला में 77 और मंडी में 68 फीसदी अधिक हुई है, जबकि सबसे कम वर्षा लाहौल-स्पीति में माइनस 75 व चम्बा में माइनस 49 फीसदी हुई है।
हालांकि मौसम विभाग ने चेताया है कि प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का दौर लौटने वाला है। विभाग ने 26 से 31 जुलाई तक कई जिलों में भारी वर्षा का यैलो अलर्ट जारी किया है। विशेषकर 26 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों, 27 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू व मंडी जिलों, 28 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर और 29 जुलाई को हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व शिमला में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 30 व 31 जुलाई को भी यैलो अलर्ट रहेगा।
उधर, भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद राज्य के कई इलाकों में अभी भी जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक शुक्रवार शाम तक प्रदेश में एक नैशनल हाईवे और 221 संपर्क मार्ग अभी भी बंद हैं। वहीं 56 बिजली के ट्रांसफार्मर और 139 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं। मंडी जिला में एनएच-70 मंडी-कोटली मार्ग सहित कुल 144 संपर्क मार्ग बंद हैं, साथ ही 30 ट्रांसफार्मर और 78 पेयजल योजनाओं पर भी असर पड़ा है। कुल्लू जिला में 48 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं, जबकि कांगड़ा जिले के धर्मशाला और नूरपुर उपमंडलों में 68 पेयजल योजनाएं ठप्प हैं।
मानसून की सक्रियता के बाद यानी 20 जून से अब तक विभिन्न हादसों में 153 लोगों की मौत हो चुकी है, 252 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग अब भी लापता हैं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 31 लोगों की जान गई और 27 लोग लापता हुए, खासकर 30 जून की रात बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही हुई थी। कांगड़ा में 22, चम्बा में 17, कुल्लू में 15, शिमला व ऊना में 11-11, हमीरपुर व सोलन में 10-10, किन्नौर में 9, बिलासपुर में 8, जबकि लाहौल-स्पीति में 5 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश को मानसूनी बारिश से लगभग 1436 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा नुक्सान लोक निर्माण विभाग को 700 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 494 करोड़ रुपए का हुआ है।