Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jul, 2025 09:36 PM

हिमाचल में अभी मानसून को 25 दिन हुए हैं और इन 25 दिनों में मानसून ने हिमाचल में भारी नुक्सान किया है। भारी बारिश व बाढ़ से प्रदेश में भारी तबाही मच चुकी है।
शिमला (राजेश): हिमाचल में अभी मानसून को 25 दिन हुए हैं और इन 25 दिनों में मानसून ने हिमाचल में भारी नुक्सान किया है। भारी बारिश व बाढ़ से प्रदेश में भारी तबाही मच चुकी है। स्थिति ये है कि सरकार को अब तक 786 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है। वहीं प्रदेश में अब तक वर्षा जनित हादसों में 105 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लोग लापता हैं और 184 लोग घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मिले आंकड़ों के अनुसार मंडी जिले में सबसे अधिक 21 लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा में 17, कुल्लू में 11, चम्बा में 9, जबकि हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में 8-8 लोगों की मौत दर्ज की गई है। वहीं 1046 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं और 798 गौशालाएं तबाह हो चुकी हैं। मंडी के अलावा कांगड़ा और कुल्लू में बाढ़ ने भी तबाही मचाई है।
प्रदेश सरकार के मुताबिक मानसून से हुए नुक्सान में सबसे ज्यादा क्षति जल शक्ति विभाग को हुई है जिसे करीब 414 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुक्सान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को भी लगभग 345 करोड़ रुपए की क्षति पहुंची है। आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की चेतावनी ने सरकार और आम लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में सड़कें बहने और भूस्खलन की घटनाओं से राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
21 जुलाई तक कई क्षेत्रों में यैलो अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी 21 जुलाई तक प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया है। वहीं बीते 24 घंटों में शिमला जिले के जुब्बड़हट्टी में सर्वाधिक 56 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त बिलासपुर व सलापड़ में 30-30 मिमी, कसौली में 28 मिमी, धर्मपुर में 24 मिमी और कुफरी में 23 मिमी वर्षा हुई है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीती रात भी बारिश होती रही और मंगलवार सुबह तक मौसम बिगड़ा हुआ था।
220 सड़कें अभी बंद
बारिश और भूस्खलन से हिमाचल में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश में 220 सड़कें बंद पड़ी हैं। 67 बिजली ट्रांसफार्मर और 153 पेयजल योजनाएं ठप्प हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में पड़ा है, जहां अकेले 160 सड़कें बंद, 61 ट्रांसफार्मर ठप्प और 133 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कांगड़ा में भी 18 पेयजल योजनाएं काम नहीं कर पा रही हैं।