Edited By Kuldeep, Updated: 18 Jul, 2025 08:49 PM

राज्य में शनिवार को मानसून धीमा रहेगा और इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, अपितु रविवार को यैलो और उसके बाद सोमवार से आगामी तीन दिनों तक कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया गया है।
शिमला (संतोष): राज्य में शनिवार को मानसून धीमा रहेगा और इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, अपितु रविवार को यैलो और उसके बाद सोमवार से आगामी तीन दिनों तक कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को शिमला में 3, सुंदरनगर व मनाली में 2, भुंतर, सोलन, धौलाकुंआ व कल्पा में 1-1, हमीरपुर में 5.5, कुफरी में 3.5, नारकंडा में 2.5, भरमौर, रिकांगपिओ व सेओबाग में 0.5-0.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
राज्य में शुक्रवार सुबह भूस्खलन और भारी बारिश के चलते 250 संपर्क मार्ग बंद पड़े थे। इनमें अकेले मंडी जिले की 182 सड़कें शामिल हैं। मंडी जिले में 30 जून को बादल फटने की घटना से हालात अब तक सामान्य नहीं हो सके हैं। सिरमौर जिले में 26, कुल्लू में 23, कांगड़ा में 10, सोलन में 6 और ऊना में 3 संपर्क मार्ग बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए मशीनरी व लेबर जुटी हुई है। राज्य में 81 बिजली ट्रांसफार्मर और 61 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं, जिनमें मंडी जिला के 39 ट्रांसफार्मर और 50 पेयजल योजनाएं प्रमुख हैं। कुल्लू में 40 ट्रांसफार्मर बंद चल रहे हैं।
मानसून सीजन में अब तक राज्य में 110 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लोग लापता हैं और 199 लोग घायल हुए हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 20 लोगों की जान गई और 27 लोग लापता हैं। कांगड़ा में 19, कुल्लू में 11, हमीरपुर और चम्बा में 9-9 तथा सोलन, बिलासपुर और ऊना में 8-8 लोगों की मौत दर्ज की गई है। मानसून के कारण वित्तीय नुक्सान भी भारी हुआ है। अब तक लगभग 1220 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुक्सान पहुंचा है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को सर्वाधिक 546 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 434 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है।
राज्य में 377 घर और 256 दुकानें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 723 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी जिला में ही 350 घर, 233 दुकानें और 746 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। वहीं जिला में 544 घरों को आंशिक नुक्सान पहुंचा है। मानसून सीजन में बादल फटने की 22, अचानक बाढ़ की 32 और भूस्खलन की 19 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।