Edited By Vijay, Updated: 18 Jul, 2025 01:33 PM

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बीती रात से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। राजधानी शिमला में भी शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। राज्य के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में....
शिमला: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बीती रात से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। राजधानी शिमला में भी शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। राज्य के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में बीते 24 घंटों में सबसे अधिक 40 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जोकि अब तक की सबसे ज्यादा बारिश है। मौसम विभाग ने आज शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में बारिश की संभावना जताई है। अन्य जिलों में भी हल्की बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने खासतौर पर लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों के लिए फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) की चेतावनी जारी की है। इसके चलते लाहौल-स्पीति प्रशासन ने मनाली-लेह हाईवे पर बाइक से सफर करने पर रोक लगा दी है। जानकारी के अनुसार लेह के तंगलांग दर्रे के पास भारी बारिश के बाद सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे वहां बाइक की आवाजाही को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
21 से 23 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी
भले ही आगामी कल यानी शनिवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम कुछ हद तक साफ या आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, लेकिन मौसम विभाग ने 21 से 23 जुलाई के बीच एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
सिरमौर और कुल्लू में लैंडस्लाइड से हालात गंभीर
सिरमौर जिले में लगातार बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की घटनाएं सामने आ रही हैं। विशेष रूप से एनएच-707 पर भूस्खलन की वजह से यातायात प्रभावित हो रहा है। कुल्लू जिले के उपमंडल बंजार की भलाण-2 पंचायत में भारी बारिश के बीच हुए लैंडस्लाइड के कारण एक मुख्य मार्ग बंद हो गया है। इसकी वजह से स्कूली बच्चों और राहगीरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जुलाई में सामान्य से कम बारिश
हालांकि इस मानसून सीजन (20 जून से अब तक) में प्रदेश में सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है, लेकिन जुलाई माह में बारिश का स्तर सामान्य से नीचे बना हुआ है। 1 से 17 जुलाई के बीच जहां औसतन 129 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, वहीं इस बार मात्र 122.4 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है। वहीं 10 से 17 जुलाई के सप्ताह में तो स्थिति और खराब रही। इस एक सप्ताह में जहां सामान्य बारिश का स्तर 61.2 मिलीमीटर है, वहीं मात्र 40 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य से 35 प्रतिशत कम है।
अब तक 110 मौतें, 1200 करोड़ की संपत्ति को नुक्सान
इस मानसून ने राज्य में तबाही मचाई है। 20 जून से 17 जुलाई के बीच 110 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 23 लोग भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ में बह गए, जबकि 35 लोग अभी भी लापता हैं। प्राकृतिक आपदाओं के कारण 1200 करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी व निजी संपत्तियों को नुक्सान हुआ है। प्रदेश भर में हजार से ज्यादा घरों को नुक्सान पहुंचा है, जिनमें कई घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं, लेकिन दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में प्रशासन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।