Edited By Kuldeep, Updated: 12 Jul, 2025 07:29 PM

राज्य में आगामी एक सप्ताह तक कुछ जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार 18 जुलाई तक यैलो अलर्ट रहेगा।
शिमला (संतोष): राज्य में आगामी एक सप्ताह तक कुछ जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार 18 जुलाई तक यैलो अलर्ट रहेगा। इसमें मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर के अलावा चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू जिलों में इसका अधिक असर दिखेगा। हालांकि मानसून की बारिशों का दौर चला हुआ है, लेकिन मानसून थोड़ा धीमा पड़ गया है। इस माह मात्र 12 दिनों में सिर्फ 16 फीसदी अधिक मेघ बरसे हैं, जबकि चम्बा में सबसे कम माइनस 59 व सोलन में माइनस 10 फीसदी कम वर्षा हुई है, जबकि मंडी में सबसे अधिक 141 मिलीमीटर व शिमला में 97 मिलीमीटर अधिक वर्षा हुई है। इस अवधि के दौरान 85.6 मिलीमीटर वर्षा सामान्य मानी गई है, जबकि इसकी एवज में 99.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
शनिवार को राजधानी शिमला सहित कुछ हिस्सों में वर्षा का दौर जारी रहा, जिसमें शिमला में 13, सुंदरनगर व भुंतर में 2-2, सोलन में 4.8, मनाली व मंडी में 1-1, बिलासपुर में 0.5, हमीरपुर में 7, सेओबाग में 0.5 मिलीमीटर जबकि कल्पा में बूंदाबांदी हुई है। ऊना में अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री, जबकि शिमला में 23 डिग्री रिकार्ड किया गया।
राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार 22 जून से लेकर अभी तक 22 दिनों की मानसून अवधि के बीच में 95 लोगों की मौत हुई है जिसमें सबसे अधिक मंडी जिला में 21, कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10 लोग काल का ग्रास बने हैं, जबकि 175 लोग घायल हुए हैं। 33 लोग अभी भी लापता हैं, जिसमें मंडी में सर्वाधिक 27, कांगड़ा व कुल्लू में 2-2, किन्नौर व लाहौल स्पीति में 1-1 व्यक्ति लापता है। राज्य को अभी तक 752 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है, जिसमें जलशक्ति विभाग को 408 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है।
राज्य में दो नैशनल हाईवे के अलावा 250 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं, जिन्हें खोलने के लिए विभागीय मशीनरी व लेबर लगाई हुई है। नैशनल हाईवे में मंडी से धर्मपुर वाया कोटली व मंडी से कुल्लू नजदीक 4 मील एवं बिंद्रावणी के पास बंद है। मंडी में सबसे अधिक मार्ग बंद हैं। यहां 2 नैशनल हाईवे के साथ 203 संपर्क मार्ग बंद हैं, जबकि कुल्लू में 25, कांगड़ा में 13 संपर्क मार्ग बंद हैं। राज्य में 327 बिजली ट्रांसफार्मर और 787 पेयजल योजनाएं प्रभावित चल रही हैं।