Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jun, 2025 06:30 PM

हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी करेगी तथा भ्रष्टाचार के दल में फंसे बड़े-बड़े मगरमच्छ बेनकाब होंगे।
शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी करेगी तथा भ्रष्टाचार के दल में फंसे बड़े-बड़े मगरमच्छ बेनकाब होंगे। विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंह नेगी ने मंगलवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि विमल नेगी की सुनियोजित तरीके से हत्या हुई है और यह सीबीआई जांच में आने वाले समय में यह बात साबित हो जाएगी। भगत नेगी ने कहा कि मंच ने महसूस किया है कि प्रदेश सरकार मामले को बहुत ही अलग तरीके से देखने व बताने पर जोर दे रही है तथा एक दोहरा चरित्र जनता के सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किरण नेगी ने बीते 15 मार्च को मुख्यमंत्री को एक पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था कि उनके लापता पति की तलाश का काम तत्परता से किया जाए। मामला बिलासपुर और शिमला जिला से जुड़ा था, ऐसे में एक स्पैशल टास्क फोर्स गठन की भी मांग की गई थी। इससे संबंधित पत्र की प्रतिलिपि एसीएस होम और डीजी पुलिस और डीजी सीआईडी को भी प्रेषित की गई थी। छोटा शिमला थाने में एफआईआर किरण नेगी की शिकायत हुई जबकि दूसरी तरफ दावा किया जा रहा है कि एफआईआर से लेकर सभी चीजें सरकार ने करवाईं। सरकार से सीबीआई जांच की मांग की गई थी लेकिन सरकार टालमटोल करती रही। ऐसे में अदालत का दरवाजा खटखटाया गया और सीबीआई जांच के आदेश हुए। उन्होंने दावा किया एसीएस होम ओंकार शर्मा ने अपनी जो रिपोर्ट दी है कि वह वास्तविक तथ्यों पर आधारित है। रिपोर्ट में एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है, जिससे आने वाले समय में कई भ्रष्टाचारी बेनकाब होंगे।
पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता का अभाव रहा
भगत सिंह नेगी ने कहा कि डीजीपी ने भी जो स्टेटस रिपोर्ट पेश की, वह तथ्यों से पूर्ण रिपोर्ट थी। उन्होंने एसपी की भूमिका पर भी कुछ सवाल उठाए। साथ ही पूछा कि अब जब सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है तो उन्हें सारे मामले को इतनी उत्सुकता और बेचैनी क्यों है। उन्होंने कहा कि शुरूआत से ही पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता का अभाव रहा है और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद शिमला पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। साथ ही रिपोर्ट में कुछ ऐसे पहलुओं का उल्लेख किया गया, जिनका विमल नेगी केस से कुछ लेना-देना नहीं है।