Shimla: प्राकृतिक खेती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर दिया जा रहा बल : मुख्यमंत्री

Edited By Kuldeep, Updated: 14 Feb, 2025 09:20 PM

shimla natural farming economy strengthening

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खेती की लागत को कम करने किसानों की आय एवं उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खेती की लागत को कम करने किसानों की आय एवं उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। शिमला से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जहां मानव और पर्यावरण को रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से बचाया जा रहा है, वहीं खेती की लागत कम होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है। प्रदेश की 3,592 पंचायतों में एक लाख 98 हजार किसान 35 हजार हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती से विविध फसलें उगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती पर विशेष बल देते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 15 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से कृषि की लागत में औसतन 36 फीसदी की कमी आई है और उत्पादों के औसतन 8 फीसदी अधिक दाम मिले हैं। प्राकृतिक खेती कर रहे 75 फीसदी किसान-बागवान फसल विविधिकरण की ओर अग्रसर हुए हैं। सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तीसरे चरण के तहत राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना की शुरूआत की गई है। कृषि विभाग ने प्रदेश के 1,508 किसानों से 398 मीट्रिक टन मक्की की खरीद कर ‘हिम-भोग हिम प्राकृतिक’ मक्की आटा बाजार में उतारने के साथ प्राकृतिक उत्पादों के लिए ‘हिम प्राकृतिक खेती उत्पाद योजना’ की भी शुरूआत की है।

कुल्लू, नाहन और नालागढ़ में स्थापित किए जाएंगे दूध प्रसंस्करण संयंत्र
सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार ने हाल ही में सात जिलों में बागवानी और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 1,292 करोड़ रुपए की योजना शुरू की है। इसके अलावा कांगड़ा जिले के ढगवार में पूरी तरह से स्वचालित दूध और दूध उत्पाद प्रसंस्करण संयंत्र की आधारशिला रख दी गई है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। कुल्लू, नाहन और नालागढ़ में 20,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे जबकि ऊना और हमीरपुर में आधुनिक मिल्क चिलिंग प्लांट की योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि बागवानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत बकाया भुगतानों को निपटाने के लिए 153 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में जायका योजना के तहत जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर 96.15 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जिससे 50,000 से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!