Himachal: आने वाले दिनों में बदल सकती है भारत, चीन व पाक की सीमा : डा. इंद्रेश

Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jun, 2025 06:42 PM

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत, चीन व पाक की सीमा बदल सकती है।

शिमला (भूपिन्द्र): राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत, चीन व पाक की सीमा बदल सकती है। यह सीमा रणकछ से पाक में 100 किलोमीटर अंदर तक जा सकते हैं। पाक, चीन व अमेरिका के साथ अन्य देशों का भय है कि भारत सीमा बदलाव की स्थिति को ला सकता है। हम सभी को यह सोच रखनी चाहिए। ऐसे में अगली पत्रकार वार्ता हम लाहौर में भी कर सकते हैं। यह बात उन्होंने रविवार को किन्नौर व लाहौल-स्पीति के प्रवास से लौटकर शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि चीन आर्थिक व सामाजिक विस्तारवाद की नीति पर चल रहा है।

इस कड़ी में वह हिमालयन बोध व तिब्बती नस्ल को समाप्त करने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत चीनी युवकों की शादी तिब्बती युवतियों के साथ की जा रही है। इसी तरह का प्रयास वह अरुणाचल, सिक्किम व लद्दाख में कर रहा है। इसके अलावा चीन की हरकत हिमाचल में अभी तक नहीं दिखी है, लेकिन वह यह दावा करता आया है कि ऊपरी हिमालय क्षेत्र चीन का है तथा भारत ने इसे हड़पा हुआ है। ऐसे में चीन के प्रति हमें सावधान रहना चाहिए। साथ ही चीन की इस विस्तारवादी सोच को लेकर लोगों को जागृत करने की आवश्यकता है। इसके लिए आरएसएस प्रयास कर रहा है।

ऑप्रेशन सिंदूर में चीन को संदेश देना था जरूरी
उन्होंने कहा कि पहलगाम व बंगलादेश घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि चीन भारत के खिलाफ एक भूमिका निभा रहा है। ऐसे में भारत ने ऑप्रेशन सिंदूर में पहले आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया तथा उसके बाद चीन के द्वारा संचालित एयरबेस पर हमले किए, ताकि उन्हें बता सकें कि भारत तैयार है। इसके बाद पाक के अन्य एयर बेस व स्थानों पर हमले बोले है। भारत के हमलों से चीन बौखलाया हुआ है। यदि पीओके को कब्जे में लेना है तो चीन को यह संदेश देना जरूरी था कि वे संभल कर रहे।

पूर्व पीएम के सरैंडर के कारण सियाचिन व कैलाश मानसरोवर हमारे हाथ से निकला
उन्होंने कहा कि चीन ने वर्ष 1959 में तिब्बत पर कब्जा किया। उसके बाद 19962 में कैलाश मानसरोवर पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के सरैंडर के कारण हमारे हाथों से सियाचिन, कैलाश मानसरोवर, तिब्बत चला गया।

धर्मों में संवाद हो, विवाद नहीं, धर्म परिवर्तन को बताया देश के लिए घातक, सभी अपने व दूसरों के धर्म, जाति व पूजा पद्धति का करें सम्मान
डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि उन्होंने किन्नौर व लाहौल-स्पीति के ताबो, काजा, गुम्फा, नाको, रिकांगपिओ व अन्य स्थानों पर प्रमुख लोगों से कई मुद्दों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि धर्मों में संवाद होना चाहिए, विवाद नहीं। उन्होंने धर्म परिवर्तन को देश व समाज के लिए घातक बताया तथा कहा कि यह नफरत, हिंसा व दंगों को जन्म देता है। ऐसे में सभी को अपनी-अपनी व दूसरों की पूजा पद्धति, धर्म, जाति का सम्मान करना चाहिए तथा दूसरों की आलोचना नहीं करनी चाहिए और न ही धर्म परिवर्तन किया जाना चाहिए, ताकि देश को दंगामुक्त, छुआछूत मुक्त बनाया जा सके। इससे देश का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का हल तनाव से नहीं संवाद हो होना चाहिए।

धर्म परिवर्तन से बदलती है पहचान
उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन से व्यक्ति विशेष की पहचान बदल जाती है। इससे पहचान का संकट भी खड़ा हो जाता है। सभी को अपनी जाति, धर्म में प्रसन्न रहना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना का समर्थन किया तथा कहा कि इसमें सभी को जाति, उप जाति व धर्म को बताना होगा।

 

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