Edited By Jyoti M, Updated: 10 Sep, 2025 12:29 PM

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलावों की घोषणा की है। शिमला में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को स्कूली किताबों में शामिल किया जाएगा।...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलावों की घोषणा की है। शिमला में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को स्कूली किताबों में शामिल किया जाएगा। इसका मकसद बच्चों में अपने राज्य के प्रति गौरव और अपनत्व की भावना जगाना है।
पाठ्यक्रम में हिमाचल की पहचान
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक की एनसीईआरटी की किताबों को इस तरह से संशोधित किया जाए कि वे हिमाचल के संदर्भ में अधिक प्रासंगिक लगें। इस बदलाव के तहत, पाठ्यक्रम में हिमाचल के प्राचीन मंदिर, मठ, ऐतिहासिक किले, पारंपरिक वास्तुकला, स्थानीय बोलियाँ, लोक कलाएँ, हस्तशिल्प, मेले और त्योहारों को जगह दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य में हुए ऐतिहासिक आंदोलनों और संघर्षों को भी शामिल किया जाएगा।
देशभक्ति और प्रेरणा की कहानियाँ
रोहित ठाकुर ने कहा कि बच्चों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में वीर गाथाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसमें जनरल ज़ोरावर सिंह, वज़ीर राम सिंह पठानिया और डॉ. वाईएस परमार जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ शामिल होंगी। साथ ही, परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बतरा और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे शहीदों की वीरता की कहानियों को भी पढ़ाया जाएगा।
रटने की बजाय, समझकर सीखना
शिक्षा मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पाठ्यक्रम को बोझिल बनाने के बजाय उसे रोचक और व्यावहारिक बनाया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे बच्चे केवल रटेंगे नहीं, बल्कि चीज़ों को बेहतर ढंग से समझ पाएँगे। उन्होंने सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कार्यशालाओं, क्षेत्रीय भ्रमण (फील्ड ट्रिप्स), दृश्य सामग्री और व्यावहारिक अभ्यासों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। इसके साथ ही, स्थानीय भाषाओं को भी प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया।
डिजिटल पहुँच और विशेषज्ञों की समिति
बैठक में यह भी फैसला हुआ कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद अपनी वेबसाइट पर क्यूआर कोड और डिजिटल लिंक उपलब्ध कराएगी। इससे छात्रों और शिक्षकों को हिमाचल से संबंधित शिक्षण सामग्री तक आसानी से पहुँच मिल सकेगी। इस पूरे संशोधन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति एनसीईआरटी की पुस्तकों की समीक्षा करेगी और स्थानीय जरूरतों के हिसाब से पूरक सामग्री तैयार करेगी। बैठक में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड और एससीईआरटी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। यह पहल निश्चित रूप से राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।