Himachal: हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोप पर आधारित FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका को किया खारिज

Edited By Kuldeep, Updated: 28 May, 2025 09:26 PM

shimla high court petition rejected

प्रदेश हाईकोर्ट ने अमरीकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप पर आधारित एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने अमरीकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप पर आधारित एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि एफआईआर में लगाए गए आरोप सही माने जाते हैं, तो प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का अपराध दिखता है, और इसे रद्द करना अनुचित है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने उक्त कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि एक बार जब कानून के तहत अपराध की जांच शुरू हो जाती है, तो उसे इस आधार पर बाधित नहीं किया जा सकता कि पुलिस अधिकारी को जांच का अधिकार नहीं था। याचिकाकर्त्ता प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ ने न्यायिक मजिस्ट्रेट, कंडाघाट द्वारा पारित 30 दिसंबर 2023 के आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसके तहत स्टेशन हाऊस ऑफिसर, कंडाघाट को दिल्ली निवासी शिकायतकर्त्ता राजीव राय सचदेवा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।

मामले के अनुसार शिकायतकर्त्ता ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 415, 420 और 405 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश मांगने के लिए कंडाघाट अदालत में एक आवेदन दायर किया था। यह दावा किया गया था कि शिकायतकर्त्ता एक टैक्नो इनोवेटर उद्यमी है। शिकायत में कहा गया है कि प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका कॉर्पोरेट कार्यालय सिनसिनाटी, ओहियो, यूएसए में है। शिकायतकर्त्ता ने नीम और तुलसी के अर्क का उपयोग करके कपड़ा उत्पादों को रंगने की एक विधि विकसित की। इस उत्पाद का एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल, एंटी-गंध, यूवी प्रतिरोध, कीड़े और मच्छर भगाने वाले गुणों के लिए परीक्षण किया गया था। शिकायतकर्त्ता ने भारत, अमरीका और यूरोप में इस तकनीक का पेटैंट कराया। प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ, पी एंड जी कनैक्ट डिवैल्प प्रोग्राम चला रहा है, जिसमें इसने इनोवेटर्स को नए उत्पादों को विकसित करने के लिए शिकायतकर्त्ता के साथ सांझेदारी करने के लिए आमंत्रित किया, जो दोनों पक्षों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा।

शिकायतकर्त्ता ने सैनेटरी पैड और डायपर में अपनी तकनीक के उपयोग के लिए अपना पेटैंट जमा किया। आरोपी कंपनी ने शिकायतकर्त्ता की प्रविष्टि को स्वीकार किया। इसके बाद शिकायतकर्त्ता को एक ई-मेल भेजा गया, जिसमें कहा गया कि कंपनी को उसके साथ संबंधों को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। आरोप है कि कंपनी ने शिकायतकर्त्ता द्वारा प्रस्तुत तकनीक का उपयोग करके व्हिस्पर अल्ट्रा क्लीन (हर्बल तेल के साथ नया) उत्पाद लॉन्च किया। प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ ने धोखे से शिकायतकर्त्ता के आइडिया को चुरा लिया और शिकायतकर्त्ता को कोई श्रेय दिए बिना इसका व्यावसायिक उपयोग किया। इसके बाद कंडाघाट अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 415, 420 और 405 के तहत दंडनीय अपराध करने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है।

इसलिए, एसएचओ, कंडाघाट को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया था। ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ आरोपियों ने यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ एक कंपनी है जो विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं का निर्माण करती है। याचिकाकर्त्ता द्वारा कहा गया था कि शिकायतकर्त्ता द्वारा पेटैंट की गई प्रक्रिया में एक विशिष्ट तापमान पर डाई बाथ तैयार करना और प्राकृतिक कपड़ों को रंगना शामिल है। यह कपड़ों से संबंधित है न कि सैनेटरी नैपकिन से। प्रॉक्टर एंड गैंबल हाईजीन एंड हैल्थ का निर्माण मालिकाना हक वाला है और शिकायतकर्त्ता की प्रक्रिया से काफी अलग है।

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