Edited By Kuldeep, Updated: 22 Jul, 2025 10:28 PM

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है बल्कि यह नैतिक मूल्यों, नवाचार और चरित्र निर्माण का केंद्र है।
शिमला (अभिषेक): राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है बल्कि यह नैतिक मूल्यों, नवाचार और चरित्र निर्माण का केंद्र है। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों से नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने और अनुसंधान व नवाचार पर विशेष ध्यान की आवश्यकता पर बल दिया। वह मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थापित 5 नए बहुविषयक अनुसंधान और नवाचार केंद्रों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को समावेशी, आधुनिक और परिणामोन्मुखी बनाना है और विश्वविद्यालय को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। राज्यपाल ने अपने नशामुक्त हिमाचल अभियान का उल्लेख करते हुए युवाओं से नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समाज को स्वस्थ और नशामुक्त बनाने में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और विकास की योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि राजनीति, विज्ञान, कानून, साहित्य और खेल सहित अन्य क्षेत्रों में कई प्रसिद्ध हस्तियां इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर चुकी हैं। उन्होंने सभी से 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देने की अपील की। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की छात्र पत्रिका परिसंवाद, जर्नल हिमशिखर और नशा विरोधी गतिविधियों की रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
इससे पहले कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के समग्र विकास और नए बहुविषयक केंद्रों के उद्देश्यों की जानकारी दी। प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र वर्मा ने भी अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियां सांझा की। इसके पश्चात देर शाम पूर्व छात्र संघ ने पीटरहॉफ में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया।
एचपीयू और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर
कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) गृह मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार ज्ञान सागर नेगी और एनआईडीएम की ओर से कर्नल मनोरम यादव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के निदेशक डा. सुमित गोयल दिल्ली ने भी इस अवसर पर संबोधित किया और कैंसर उन्मूलन के तरीकों पर प्रकाश डाला।
युवा केवल डिग्रीधारी न होकर आत्मनिर्भर और चुनौतियों से निपटने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हों : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि युवाओं का लक्ष्य होना चाहिए कि विश्वविद्यालय से निकलने वाले युवा न केवल डिग्रीधारी हों, बल्कि वे कौशलयुक्त, आत्मनिर्भर और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हों। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी व नवाचार के इस युग में हमें भी समय के साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम बदलाव के साथ नहीं चले, तो हम पिछड़ सकते हैं, इसलिए विश्वविद्यालय को बदलाव का एक सशक्त प्रतीक बनना चाहिए, जहां न केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाया जाए, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणालियों में भी सुधार हो।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 5 नए शोध केंद्र खोलना एक सकारात्मक पहल है और इसके लिए उन्होंने कुलपति प्रो. महावीर सिंह की सराहना की। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भेजे गए अपने संदेश में यह बात कही। हालांकि मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन निजी कारणों के चलते वह इसमें शामिल नहीं हो पाए।
जगदीप धनखड़ अपने असूलों के आदमी, राजनीतिक परिदृश्य के कारण वह प्रताड़ित हो गए थे : अनिरुद्ध
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने असूलों के आदमी हैं। राजनीतिक दबाव के कारण वह काफी समय से प्रताड़ित हो गए थे, ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं। वह भी उनसे मिले हैं, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य के कारण वह प्रताड़ित हो गए थे। ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को गलतफहमी
अनिरुद्ध सिंह ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए इस दौरान कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर आरोप लगाया है कि वह गलतफहमी के शिकार हैं। उनके विधानसभा में स्थापित पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान का डंगा टूट गया था जिस कारण भवन को खतरा पैदा हो गया था। इसे शिफ्ट करने को लेकर जब मेरे पास फाइल आई थी तो फिर उस बारे में जयराम ठाकुर से भी मैंने बात की थी लेकिन जयराम ठाकुर अब इस मामले में राजनीति कर रहे हैं।