बरसात में बढ़ा सांपों का खतरा: हिमाचल में 21 प्रजातियां, जानिए कौन-सी प्रजाति सबसे खतरनाक

Edited By Vijay, Updated: 16 Jul, 2025 04:12 PM

snake in himachal

हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम जहां एक ओर हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई प्राकृतिक जोखिमों का कारण भी बनता है। इन्हीं खतरों में से एक है सांपों का बढ़ता प्रकोप।

हिमाचल डैस्क: हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम जहां एक ओर हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई प्राकृतिक जोखिमों का कारण भी बनता है। इन्हीं खतरों में से एक है सांपों का बढ़ता प्रकोप। बारिश के दौरान सांप अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और खेतों, घरों व जंगलों के आसपास दिखाई देने लगते हैं, जिससे सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं। खासकर लंबी घास और नमी वाले क्षेत्रों में इनका खतरा और गंभीर हो जाता है। चिंताजनक तथ्य यह है कि हर साल प्रदेश में औसतन 100 लोग सांप के काटने की वजह से अपनी जान गंवा बैठते हैं, जो इस मौसमी खतरे की गंभीरता को दर्शाता है।
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हिमाचल प्रदेश में सांपों की कुल 21 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से 3 प्रजातियां ऐसी हैं जो बेहद जहरीली और जानलेवा साबित हो सकती हैं। इस खतरनाक प्रजाति में कॉमन करैत (Common Krait) सांप शामिल है। इसका जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और तत्काल इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा स्पेक्टेकल कोबरा (Spectacled Cobra) और रसल वाइपर (Russell’s Viper) यह एक बेहद आक्रामक सांप हैं, इनका काटना बहुत दर्दनाक होता है और इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इनके अलावा, चार और प्रजातियां हैं जो थोड़ी कम जहरीली मानी जाती हैं और 14 ऐसी प्रजातियां हैं जिनके काटने से आमतौर पर किसी व्यक्ति की जान नहीं जाती। हालांकि, किसी भी सांप के काटने पर सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

सांप के काटने पर क्या करें? 
जाेनल अस्पताल धर्मशाला की वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराधा शर्मा ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी भी जीव ने काट लिया है, खासकर सांप ने, तो बिना किसी देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचें। उन्होंने बताया कि कई बार सांप के काटने का निशान साफ दिखाई नहीं देता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खतरा नहीं है। ऐसे में समय बर्बाद करना जानलेवा साबित हो सकता है। डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि अस्पतालों में सांप के काटने के इलाज के लिए एंटी-वेनम इंजैक्शन हमेशा उपलब्ध रहते हैं। समय पर मिलने वाला यह इंजैक्शन मरीज की जान बचा सकता है और उसे स्वस्थ होने में मदद करता है।

अंधविश्वास से बचें, डॉक्टरी इलाज पर भरोसा करें
डॉ. अनुराधा शर्मा ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश के मामलों में किसी भी तरह के अंधविश्वास में न पड़ें। झाड़-फूंक या घरेलू नुस्खे अपनाने से बहुमूल्य समय बर्बाद होता है, जिससे मरीज की जान को और भी ज्यादा खतरा हो सकता है। सांप के काटने पर सबसे जरूरी है कि बिना देर किए नजदीकी अस्पताल पहुंचें और डॉक्टरी इलाज लें। आपकी सूझबूझ और समय पर लिया गया फैसला आपकी या आपके प्रियजनों की जान बचा सकता है। 

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